विश्वास नहीं वह भला क्या कराएगार पलु इसके मिलन
जिस व्यक्ति आत्मनिर्भरता होगीह की किसी के सामने
नहीं झुकेगा। यह जो काम करेगा सोच-समझ कर Me
करेगा। मनुण सबसे बड़ी कमी बालबन का महीना
है। सबसे बड़ा गुण भी मनुष्य की आत्मनिर्भरता है।
आत्मनिर्भरता मनुष्य का श्रेष्ठ बनाती है। स्वावलंकी
मनुष्य को अपने आप पर विश्वास होता जिससे वह कि
के भी कहने में नहीं आ सकता) यदि हमें कोई काम
सुधारना है तो किसी के अधीन नहीं रहना चाहिए बल्कि उसे
स्वयं करना चाहिए। एकलव्य वयं के प्रयास से धनुर्विद्या में
प्रवीण बना) निपट दरिद्र विद्यार्थी लाल बहादुर शास्त्री
भारत के प्रधानमंत्री बन) साधारण से परिवार में जन्मे जैन
सिंह स्वावलंबन के सहारे ही भारत के राष्ट्रपति बने। हजर
प्रकार 'अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाते सूक्ति भाषा को
चमत्कृत
करती है, गहने नारी का सौंदर्य बढ़ाते हैं, उसी
प्रकार आत्मनिर्भरता मानव में अनेक गुणों की प्रतिष्ठा करती
Lo
है।
1.
2.
आत्मनिर्भर व्यक्ति से आप क्या समझते हैं?
'सफलता तो स्वावलंबी मनुष्य की दासी बनकर
रहती है। कैसे?
एकलव्य का उदाहरण लेखक किस संदर्भ में दिया
है?
आत्मनिर्भरता मनुष्य को श्रेष्ठ किस प्रकार बनाती है?
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4.
(P.I.O.)
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Answer:
atarnivara admi ko saste banti hai
sabse bade gune bhi munsa ki atarnivara bantai hai
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