'विश्वबंधुता वर्तमान युग की मांग विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
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ओस की बूंद से
चिड़िया भी नहीं भीगती
किंतु मेंह से हाथी भी भीग जाता है।
मतलब एकता में इतनी शक्ति है कि कुछ भी असंभव नहीं है। " वसुधैव कुटुंबकम् " वाली उक्ति भारत ने ही दुनिया को दे दी ।अगर विश्व शांति से मानव रहेगा तो ना सीमाओं का झमेला रहेगा ना दहशतगर्दी का । राष्ट्रवाद का। साम्राज्यवाद का।
भेदभाव के कायदे-कानून नहीं रहेंगे।ना कोई युद्ध होगा ना मनुष्य हानियां होंगी।शस्र अस्त्र भी नहीं रहेंगे। अण्वस्र भी नहीं रहेंगे।
अपनी हथेली में पांच उंगलियां हैं चाहे वे असमान हैं लेकिन कभी भी एक-दूसरे से अहंकार असहकार नहीं करती अपितु इकठ्ठा होकर काम पूरा करती है।
एकता का तत्त्व मानवता को जोड़ता है। हमारे कुछ देश पड़ोसी देश ऐसे हैं कि वे विश्व एकता में हरदम रोडा बनकर बीच में टांग अड़ाते हैं। ऐसी मनोवृत्ति विश्व एकता में बाधक बनती है।
हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है लेकिन एकता का सबसे बड़ा आदर्श है। एकता से ही दुनिया में अमन और खुशहाली होगी ।आज सारे विश्व को चाहिए कि एकता बनाए रखें ।सबका साथ सबका विकास ।एक अकेला था जाएगा मिलकर बोझ उठाना साथी हाथ बंटाना।
एकता ताकत है बल है शक्ति है प्रगति है।
काकासाहेब वाळुंजकर