Social Sciences, asked by roy438746, 5 months ago

विशन मे सबसे ज्यादा किस स्थान पर होती है​

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Answered by Shibistarzz
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Answered by PriyankaChauhan1024
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Answer: दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी (आद्रता) वाली जगह कौन सी है?

कुछ लोग इसका जवाब मारिना ट्रेंच दे सकते हैं जो महासागरों में सबसे गहरी जगह है और जिसके ऊपर करीब 10 हज़ार मीटर पानी मौजूद है.

लेकिन अगर ज़मीन पर सबसे ज़्यादा नमी वाली जगह की बात हो तो इसका जवाब इतना आसान नही है.

दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाले जगह के तौर पर गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भारत के मेघालय में मासिनराम का नाम दर्ज है. यहां बंगाल की खाड़ी की वजह से काफी ज़्यादा नमी है और 1491 मीटर की ऊंचाई वाले खासी पहाड़ियों की बदौलत यह नमी संघनित भी हो जाती है.

यहां औसतन सालाना बारिश 11,871 मिलीमीटर होती है. ऐसी बारिश में रियो डि जेनेरियो स्थित क्राइस्ट की 30 मीटर ऊंची मूर्ति के घुटनों तक पानी होगा.

इस इलाके में काफी ज़्यादा हरियाली है. मुग्ध करने वाले जलप्रपात हैं और उससे गिरने वाले झरनों के नीचे आकर्षक पहाड़ी गुफाएं हैं. इससे 10 मील पूर्व में स्थित है चेरापूंजी.

सोहरा में रिकॉर्डतोड़ बारिश

स्थानीय लोग चेरापुंजी को सोहरा नाम से जानते हैं. यह दुनिया की दूसरा सबसे नमी वाली जगह है.

यहां औसतन बारिश मासिनराम से 100 मिलीमीटर कम होती है. हालांकि कई बार (कुछ महीने और सालों के दौरान) यह दुनिया का सबसे नमी वाला स्थान भी बन जाता है.

जुलाई, 1861 में यहां 9,300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. बीते अगस्त से अब तक चेरापूंजी में 26,470 मिलीमीटर की रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज हो चुकी है.

दुनिया भर में सबसे ज़्यादा बारिश वाली ये दोनों जगहें मेघालय में मौजूद हैं. ये पूरा इलाका हमेशा बादलों से घिरा रहता है.

यहां लोग बेंत से बने छाते जिन्हें कनूप कहते हैं, साथ में रखते हैं ताकि शरीर हमेशा ढंका रहे और वो बारिश के दौरान भी लगातार काम करते रहें.

उनका ज्यादातर समय वहाँ बारिश से टूटी फूटी सड़कों की मरम्मत करने और नई सड़कें तैयार करने में लगता है.

मुश्किल भरा जीवन यापन

लगातार होने वाली भारी बारिश की वजह से इस इलाके में खेती करना असंभव है. ऐसे में लोग ड्रायर से सुखाए सामान तिरपाल से लपेट कर बाज़ारों में बेचे जाते हैं.

इसका अलावा इलाके में बने पुलों को सुरक्षित रखने में काफी मुश्किल होती है, जहां परंपरागत सामान जल्दी ही सड़ गल जाता है. ऐसे में लोग पेड़ों की जड़ों को आपस में बांधकर पुल बनाते हैं.

भारत में रबर के पौधे काफी मज़बूत होते हैं, उनकी जड़े काफी लचीली भी होती है. इसके जरिए स्थानीय लोग नदी नालों को पार कर जाते हैं. इसके अलावा बांस के पुल भी बनाए जाते हैं.

पेड़ की जड़ों और लचीले तनों के बीच बांस रखकर भी पुल बनाए जाते हैं. बाद में बांस के गल जाने पर भी पुल कायम रहते हैं. ऐसे में एक पुल को तैयार होने में 10 साल तक का समय लगता है.

लेकिन ऐसे पुल फिर सैकड़ों साल तक चलते हैं. इस इलाके में ऐसा एक पुल तो पांच सौ साल पुराना बताया जाता है.

पहाड़ियों के बीच बसा ये इलाका ऐतिहासिक तौर पर दुनिया भर में सबसे ज़्यादा बारिश के लिए जाना जाता है, पर पिछले कुछ समय से कहा जा रहा है कि दुनिया में सबसे नमी वाला इलाका कहीं और हो सकता है.

कोलंबिया से मिलती चुनौती

मेघालय की इन जगहों को कोलंबिया की दो जगहों से चुनौती मिल रही है, लेकिन तकनीकी तौर पर इनकी तुलना भारत के दोनों जगहों से नहीं हो सकती.

उत्तरी पश्चिमी कोलंबिया के शहर लाइओरो में 1952 से 1954 के बीच सालाना बारिश 13,473 मिलीमीटर दर्ज हुई थी. यह मासिनराम में होने वाली औसत बारिश से ज्यादा है.

लेकिन उस समय बारिश मापने के लिए इस्तेमाल पैमाने अब मान्य नहीं हैं.

मौसम इतिहासकार क्रिस्टोफर सी बर्ट के मुताबिक कोलंबिया का प्यूर्टो लोपाज दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाली वाली जगह है. वे कहते हैं, "असल में दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाली जगह कोलंबिया में प्यूर्टो लोपाज है जहां औसतन 12,892 मिलीमीटर बारिश होती है."

बर्ट के मुताबिक पिछले 50 सालों से यहां की बारिश को मापा जाता है, लेकिन बीच के कई महीनों के आंकड़े ग़ायब हैं.

इसलिए प्यूर्टो लोपाज में होने वाली बारिश के आंकड़े पूरी तरह मुकम्मल नहीं हैं, ऐसे में बीते 30 सालों से जिन जगहों के आंकड़े तैयार हुए हैं, उनसे इनकी तुलना नहीं हो सकती.

बर्ट कहते हैं, "जितने समय के आंकड़े मौजूद हैं और जितने समय के पूरे साल भर के आंकड़े मौजूद हैं, उसके आधार पर ही मैं भरोसे से कह सकता हूं कि प्यूर्टो लोपाज में सामान्य तौर पर मासिनराम से ज़्यादा बारिश होती है."

कोलंबियाई शहर में साल भर बारिश होती है, क्योंकि यह एंडीज पर्वत श्रृंखलाओं में बसा हुआ है.

क्यों होती है इतनी बारिश?

बर्ट कहते हैं, "प्रशांत महासागर की ओर से यहां लगातार नमी का दबाव रहता है और उस दबाव को पर्वत रोकते हैं जिसके चलते प्यूर्टो लोपाज में काफ़ी ज़्यादा बारिश होती है. मुझे लगता है कि औसतन यहां सालाना 320 से ज़्यादा दिनों की बारिश होती है. यहां साल दर साल एकसमान बारिश होती रहती है."

ऐसे में एक बात ध्यान रखने योग्य है, कि औसत बारिश और अधिकतम बारिश में फर्क होता है.

महज दो दिनों के अंदर भारत में सबसे ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई. 2014 की गर्मियों में विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने आंकड़ों के साथ बताया कि चेरापूंजी में 15 और 16 जून, 1995 को 2,493 मिलीमीटर बारिश हुई थी.

मासिनराम की रिकॉर्डतोड़ बारिश में से 90 फ़ीसदी बारिश महज छह महीनों के भीतर हो जाती है, मई से अक्तूबर के बीच. यहां जुलाई में सबसे ज़्यादा बारिश होती है. औसतन यहां इस महीने में 3500 मिलीमीटर बारिश होती है.

दिसंबर से फरवरी के बीच यहां बहुत कम बारिश होती है. हालांकि यह दुनिया का सबसे ज़्यादा नमी और बारिश वाला इलाका है, लेकिन यहां के लोगों को पीने के पानी की किल्लत से भी जूझना पड़ता है.

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