विष्णु खरे जी की भाषा शैली की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख करो करेंविष्णु खरे जी की भाषा शैली की विशेषताओं का उल्लेख करें
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Answer:
विष्णु खरे जी हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखते थे।
Explanation:
प्रमुख रचनाएँ: एक गैर रुमानी समय में, खुद अपनी आँख से, सबकी आवाज पर्दे में, पिछला बाकी (कविता-संग्रह); आलोचना की पहली किताब (आलोचना); सिनेमा पढ़ने के तरीके (सिने आलोचना); मरु प्रदेश और अन्य कविताएँ (टी. एस. इलियट), यह चाकू समय (अतिला योझेफ), कालेवाला (फिनलैंड का राष्ट्रकाव्य) (अनुवाद)।
विष्णु खरे जी की भाषा शैली की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख करो
विष्णु खरे जी की भाषा शैली की दो मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :
विष्णु खरे जी की भाषा शैली बेहद सरल एवं सुबोध रही है। उन्होंने अपने लेखन में शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली का अधिकतर प्रयोग किया है। उनके रचनाओं की भाषा प्रांजल, भावनुकूल, सरल तथा सरस रही है, जो पाठकों को बांधे रखती है।
विष्णु खरे जी ने अपनी रचनाओं में तत्सम शब्दावली का बड़ी मात्रा में प्रयोग किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने तद्भव तथा विदेशी जिसमें उर्दू, अरबी, फारसी तथा अंग्रेजी शब्द आते हैं। उन शब्दों का भी बहुतायत से प्रयोग किया है। उनकी रचनाओं की भाषा साधारण बोलचाल की भाषा वाले शब्दों से युक्त रही है। उन्हें अपनी रचनाओं में मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग करके रचनाओं को और अधिक निखारा है।
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