वैष्णव की फिसलन निबंध का आशय
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वैष्णव की फिसलन हरी शंकर परसाई जी का एक व्यंग्य पूर्ण निबंध है। वैष्णव एक धार्मिक व्यक्ति है जो भगवान विष्णु का भक्त है। नियम से प्रतिदिन 2 घंटे पूजा करता है। उसने धर्म को धंधे से जोड़ लिया है। उसके अनुसार इन दोनों के मिलन को ही योग कहते हैं। वह अपने हर कार्य को धर्म के नाम पर करता है। परन्तु उसकी धर्म की व्याख्या कुछ अलग है। वह अपने आर्थिक विकास को ही प्रथम महत्व देता है। धार्मिक उदाहरणों का गलत अर्थ निकालकर अपने अनुचित कार्यों की पुष्टि करता है।
इस निबंध के द्वारा लेखक आजकल के धर्म का दिखावा करने वाले धार्मिक लोग, जिनका एकमात्र लक्ष्य आर्थिक उन्नति है, के बारे में बताते हैं।
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