वाष्पशील अंशों वाले विलयन के लिए राउल्ट नियम लिखिए। किस प्रकार
राउल्ट नियम हेनरी नियम की एक विशेष स्थिति बन जाता है ?
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राउल्ट का नियम (Raoult's law) फ्रांसीसी रसायनशास्त्री राउल्ट द्वारा 1881 में इस नियम के अनुसार (किसी तनु विलयन के वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन विलयन में उपस्थित विलेय के मोल-प्रभाज के बराबर होता है ) ऊष्मागतिक नियम है। इस नियम के अनुसार, किसी ताप पर वाष्पशील द्रवों के विलयन के लिए, विलयन में प्रत्येक अवयव का आंशिक दाब वाष्प दाब उस शुद्ध अवयव के वाष्प दाब और इसके मोल अंश अणु-अंश (mole fraction) के गुणनफल के बराबर होता है।
दूसरे शब्दों में,asaas{\displaystyle p_{i}=x_{i}p_{i}^{o}}{\displaystyle p_{i}=x_{i}p_{i}^{o}} जहाँ {\displaystyle p_{i}^{o}}{\displaystyle p_{i}^{o}} T ताप पर शुद्ध अवयव का वाष्प दाब है।
जब किसी विलयन के घटक साम्यावस्था में पहुँच जाते हैं उस स्थिति में इस विलयन का कुल वाष्प दाब राउल्ट के नियम एवं डाल्टन का आंशिक दाब का नियम को मिलाकर निर्मित निम्नलिखित सूत्र से निकाला जा सकता है-
{\displaystyle p=p_{\rm {A}}^{\star }x_{\rm {A}}+p_{\rm {B}}^{\star }x_{\rm {B}}+\cdots }{\displaystyle p=p_{\rm {A}}^{\star }x_{\rm {A}}+p_{\rm {B}}^{\star }x_{\rm {B}}+\cdots }.
यदि दो द्रवों से बने विलयन के वाष्पदब की बात करें (और, इसमें कोई अन्य गैसें उपस्थित न हों) तो राउल्ट के नियम के आधार पर इस विलयन के वाष्पदाब की गणना की जा सकती है। इस विलयन का कुल वाष्पदाब {\displaystyle p}{\displaystyle p} दोनों द्रवों के 'शुद्ध' वाष्पदाबों {\displaystyle p_{A}}{\displaystyle p_{A}} तथा {\displaystyle p_{B}}{\displaystyle p_{B}} के भारित योग (weighted sum) के बराबर होगा। अर्थात दो द्रवों A और B के विलयन का सम्मिलित वाष्पदाब निम्नलिखित होगा-
{\displaystyle p=p_{\rm {A}}^{\star }x_{\rm {A}}+p_{\rm {B}}^{\star }x_{\rm {B}}.}{\displaystyle p=p_{\rm {A}}^{\star }x_{\rm {A}}+p_{\rm {B}}^{\star }x_{\rm {B}}.}
चूंकि सभी मोल अंशों का योग 1 होता है, अतः
{\displaystyle p=p_{\rm {A}}^{\star }(1-x_{\rm {B}})+p_{\rm {B}}^{\star }x_{\rm {B}}=p_{\rm {A}}^{\star }+(p_{\rm {B}}^{\star }-p_{\rm {A}}^{\star })x_{\rm {B}}}{\displaystyle p=p_{\rm {A}}^{\star }(1-x_{\rm {B}})+p_{\rm {B}}^{\star }x_{\rm {B}}=p_{\rm {A}}^{\star }+(p_{\rm {B}}^{\star }-p_{\rm {A}}^{\star })x_{\rm {B}}}.
स्पष्ट है कि दो द्रवों का सम्मिलित वाष्पदाब मोल-अंश {\displaystyle x_{B}}{\displaystyle x_{B}} का एक रैखिक फलन है (चित्र देखें)
ध्यान दें कि यदि अवाष्पशील विलेय (वाष्प दाब=0) को किसी विलायक में मिलाया जाता है तो यह पाया गया है कि इस विलयन का वाष्प दाब, शुद्ध विलायक के वाष्प दाब से कम होता है।