Hindi, asked by pappuprajapati336, 1 month ago

विषुवत रेखा का वासी जो, जीता है नित हाँफ-हॉफ कर रखता है अनुराग अलौकिक वह भी अपनी मातृभूमि पर ध्रुववासी, जो हिम में तम में जी लेता है काँप-काँपकर वह भी अपनी मातृभूमि पर, कर देता है प्राण निछावर तुम तो हे प्रिय बंधु! स्वर्ग सी, सुखद सकल विभवों की आकर, धरा शिरोमणि मातृभूमि में, धन्य हुए जीवन पाकर तुम जिसका जल-अन्न ग्रहण कर, बड़े हुए लेकर जिसका रज, तन रहते कैसे तज दोगे, उसको, हे वीरों के वंशज ॥ जब तक साथ एक भी दम हो, हो अवशिष्ट एक भी धड़कन, रखो आत्म-गौरव से ऊँची पलकें, ऊँचा सिर, ऊँचा मन।(-रामनरेश त्रिपाठी)पाठ -3 सिंधु घाटी की सभ्यता लधु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 2 सिंधु घाटी की सभ्यता कितनी प्राचीन है? यह हमें किन-किन चीजों की जानकारी देती है? प्रश्न 3 सिंधु घाटी सभ्यता की क्या विशेषताएं थी इसका व्यापार कहाँ-कहाँ तक फैला था? प्रश्न 4 'वेद' शब्द का अर्थ बताकर उसकी प्रमुख विशेषताएं बताइए। च कृष प्रश्न 5 उपनिषदों की प्रमुख प्रार्थना क्या है ?इसका क्या अर्थ है? प्रश्न 6 आर्य कौन थे ? उनका मुख्य व्यवसाय क्या था?​

Answers

Answered by franktheruler
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दिए गए प्रश्नों के उत्तर निम्न प्रकार से लिखे गए है

प्रश्न 2.सिंधु घाटी की सभ्यता कितनी प्राचीन है? यह हमें किन-किन चीजों की जानकारी देती है?

प्रश्न 3 सिंधु घाटी सभ्यता की क्या विशेषताएं थी इसका व्यापार कहाँ-कहाँ तक फैला था?

प्रश्न 4 'वेद' शब्द का अर्थ बताकर उसकी प्रमुख विशेषताएं बताइए।

प्रश्न 5 उपनिषदों की प्रमुख प्रार्थना क्या है ?इसका क्या अर्थ है?

प्रश्न 6 आर्य कौन थे ? उनका मुख्य व्यवसाय क्या था?

  • 2.सिंधु घाटी की सभ्यता 6-7 हजार वर्ष पुरानी है। सिंधु घाटी की सभ्यता से हमें मोहनजोदड़ो व हड़प्पा के माध्यम से उस वक्त में लोगो के रहन सहन , लोकप्रियता , दस्तकारी, रीति रिवाजों व पोशाक आदि की जानकारी प्राप्त होती है।

  • 3. सिंधु घाटी की सभ्यता गंगा तक फैली हुई थी। सिंधु घाटी की सभ्यता अग्र दूत थी। सिंधु घाटी सभ्यता ने फारस, मिस्त्र व मेसोपोटामिया की सभ्यताओं के साथ संबंध स्थापित किया तथा उनके साथ व्यापार किया।
  • 4. वेद का अर्थ है ज्ञान , यह शब्द विदित ( जानने वाला ) व विद्या अर्थात ज्ञान से आया है। ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है जिसमें 10462 मंत्र , 10 मंडल तथा 1028 सूक्त है।
  • 5. उपनिषदों की प्रार्थना थी , " अंधकार से मुझे प्रकाश की ओर ले चल। मृत्यु से मुझे अमरत्व तक ले चल।" इस प्रार्थना का अर्थ है कि शिष्य गुरु से प्रार्थना करता है कि उसे प्रकाश व ज्ञान की दिशा में ले चलो।
  • 6. पशुपालन करने वाले तथा घुड़सवारी करने वाले योद्धाओं व चरवाहों की एक घुमंतू जनजाति को आर्य कहा गया। आर्य जनजाति का कार्य पशुपालन व खेती करना था।

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