वृषण तथा अंडाशय के बारे में प्रत्येक के दो-दो प्रमुख कार्यों का वर्णन करें।
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वृषण तथा अंडाशय के बारे में प्रत्येक के दो-दो प्रमुख कार्यों का वर्णन निम्नलिखित है -
वृषण के दो प्रमुख कार्य हैं:
• वृषण शुक्राणुजनन नामक प्रक्रिया द्वारा नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करते है।
• वृषण की शुक्रजनक नलिकाओं की लेडिग कोशिकाओं द्वारा पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन स्रावित होता है, यह हार्मोन द्वितीयक पुरुष विशेषताओं के विकास के लिए जिम्मेदार है।
अंडाशय के दो कार्य हैं:
• अंडाशय अण्डजनन नामक प्रक्रिया द्वारा मादा युग्मक अंडाणुओं का निर्माण करता है।
• अंडाशय की ग्रैफियन पुटिकाएं एस्ट्रोजेन महिला हार्मोन का स्रावण करते हैं और यह हार्मोन द्वितीयक शारीरिक विशेषताओं के विकास के लिए जिम्मेदार है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
शुक्राणुओं का निर्माण, तथा पुंजन (ऐन्ड्रोजेन) का निर्माण (मुख्यतः टेस्टोस्टेरॉन नामक पुंजन का निर्माण)। मानव में दो वृषण होते हैं जो शिश्न के आधार के दाएँ एवं बाएँ तरफ एक दूसरे से सटे हुए होते हैं। वृषण के नीचे एक थैली होती है जिसे अंडकोष कहा जाता है।