विषय के आधार-पर-निबंध kitne prakar ke hote hai
Answers
Explanation:
निबन्ध (Essay) गद्य लेखन की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में सन्दर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्यिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के कम्पोज़ीशन और एस्से7 के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी। किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उलटे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है।
विषय के आधार पर निबंध तीन प्रकार के होते है।
- वर्णनात्मक निबंध
- भावनात्मक निबंध
- विचारात्मक निबंध
- निबंध का पहला प्रकार है वर्णनात्मक निबंध जिसमें वर्णों को प्रधानता प्राप्त होती है।
- निबंध का दूसरा प्रकार है भावनात्मक निबंध । इस प्रकार के निबंध में भाव प्रधान होते है, निबंध में भाव प्रकट किए जाते है।
- निबंध का तिसरा प्रकार है विचारात्मक निबंध । इस प्रकार के निबंध में विचार प्रधान होते है।
- निबंध की परिभाषा बाबू गुलाब राय ने इस प्रकार दी है : निबंध अनेक तत्वों का सम्मिश्रण है। वे कहते है कि निबंध गद्य की वह रचना है जिसमें एक सीमित आकार के अंदर किसी विषय का वर्णन करना अथवा प्रतिपादन करना। निबंध में निजीपन, सौष्ठव, स्वच्छंदता तथा सजीवता , आवश्यक संगति तथा सम्बद्धता के साथ किसी विषय का वर्णन किया गया हो।
- निबंध के विषय के चयन में यह कहा गया है कि निबंध का विषय वैज्ञानिक, सामाजिक, दार्शनिक , ऐतिहासिक, चरित्र, संस्मरण, साहित्यिक, वस्तु , प्रकृति वर्णन , भाव, घटना आदि कोई भी हो सकता है परन्तु विषय ऐसा होना चाहिए जिससे लेखक अपना पक्ष तथा दृष्टिकोण निश्चित तौर पर भली भांति व्यक्ति कर सके।
#SPJ3
और जानें
https://brainly.in/question/24893829
https://brainly.in/textbook-solutions/q-nibndh-kitne-prkaar-ke-hote-hain-sodaahrnn