विषय की बाहरी चेष्टाएँ क्या होती हैं? उद्दीपन विभाव (रस)
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इस उदाहरण में भय से कापता हुआ व्यक्ति आश्रय है, भालू विषय है तथा निर्जन वन, अंधकार, सिंह की गर्जन आदि उद्दीपन विभाव हैं, जिससे भय और बढ़ जाता है । भालू द्वारा मुंह फाड़ा जाना, पंजा मारना आदि विषय की बाहरी चेष्टाएँ हैं । (3) अनुभाव- आश्रय की बाहरी चेष्टाओं को अनुभाव कहते हैं ।
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