Hindi, asked by jaryan934, 9 months ago

विषय कोरोना काल में आप लोगों को ऑनलाइन क्लास करना कैसा लग रहा है?(100 words)
Meri madat karo bhilog plz

Answers

Answered by shubham64472
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Explanation:

कोरोना वायरस ने मानव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। दूसरे क्षेत्रों पर इसके व्यापक प्रभाव धीरे-धीरे सामने आएंगे, लेकिन शिक्षा व्यवस्था में तो अभी से असर दिखने लगा है। हालांकि इसके नुकसान को कम से कम करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘भारत पढ़े ऑनलाइन योजना’ पर काम शुरू कर दिया है। इसे और बेहतर बनाने के लिए उसने जनता से सुझाव भी मांगे हैं। इसके तहत स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज स्तर के इंजीनियरिंग और व्यावसायिक सहित सभी पाठ्यक्रम यथासंभव ऑनलाइन शुरू हो रहे हैं।

कोचिंग संस्थान भी ऑनलाइन योजना पर काम करने के लिए जुट गए

यहां तक कि सिविल सेवा परीक्षा और आइआइटी, मेडिकल कॉलेजों के लिए तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान भी इसमें जुट गए हैं। इसके पर्याप्त कारण भी हैं, क्योंकि अभी कोई नहीं कह सकता कि स्थितियां कब सामान्य होंगी? सामान्य होंगी भी तो शारीरिक दूरी अभी कितने दिनों तक बरतने की जरूरत है? कई बार तो एक ही क्लास में सैकड़ों बच्चे होते हैं। ऐसे में यदि सावधानी नहीं बरती गई तो उसके बहुत बुरे परिणाम हो सकते हैं। अभी तक तो राजस्थान के कोटा, दिल्ली के मुखर्जी नगर जैसे शहरों में एक ही कमरे में कई-कई बच्चे मिलकर रहते आए थे। अब सभी ऐसी स्थितियों से डरने लगे हैं।

कोरोना महामारी ने डिजिटल की प्रासंगिकता बढ़ा दी

भारत चौथी क्रांति यानी डिजिटल युग में काफी पहले से प्रवेश कर चुका है। केंद्र सरकार की जनधन से लेकर आधार जैसी न जाने कितनी योजनाएं पिछले कुछ वर्षों में लागू हुई हैं। देखा जाए तो इस महामारी ने उनकी भी प्रासंगिकता बढ़ा दी है।

विश्वविद्यालयों के पठ्य सामग्रियां इंटरनेट पर उपलब्ध

बीसवीं सदी के अवसान के समय प्रसिद्ध अमेरिकी पत्रिका टाइम ने कुछ विशेषांक निकाले थे। ऐसे ही एक अंक में उसने भविष्य में जो नौकरियां खत्म होंगी या कम होंगी उसमें शिक्षकों और शिक्षा संस्थानों को भी शामिल किया था। तब इंटरनेट को आए सिर्फ पांच-सात साल ही हुए थे। दुनिया ग्लोबल गांव और विशेषकर सूचनाओं, ज्ञान की साझी धरोहर के रूप में बढ़ रही थी। पिछले 20 वर्ष में तो यह अप्रत्याशित रूप से समृद्ध हुई है। भारत जैसे गरीब विकासशील देशों को भी इसका फायदा मिला है। आज ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज सहित दुनिया भर के अच्छे विश्वविद्यालयों के स्तरीय व्याख्यान, पाठ्य सामग्रियां, जर्नल, पत्रिकाओं में छपे लेख इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। उन तक पहुंचने में कहीं कोई रुकावट नहीं है। भारत में भी आइआइटी और दूसरे अच्छे संस्थानों के लेक्चर, पाठ्य सामग्रियां इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।

Answered by hansikabhardwaj10
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Answer:

ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षा का ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से घर बैठे शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से देश के किसी भी कोने या प्रांत से बच्चों को पढ़ा सकते है। इस में शिक्षक और विद्यार्थी अपने सहूलियत के अनुसार वक़्त का चुनाव कर ऑनलाइन जुड़ जाते है। शिक्षक स्काइप ,व्हाट्सप्प ,और ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चो को आसानी से पढ़ा सकते है।जैसा कि हमारे ऑनलाइन छात्र स्काइप ,appearin और गूगल क्लासरूम के माध्यम से अपने शिक्षक के संपर्क में आते है । छात्र अक्सर अपने फ़ोन के मदद से शिक्षकों से हर समय संपर्क साध लेते है। संचार की प्रगति के कारण छात्रों को लाभ होता है क्यों कि ट्यूशन केवल साप्ताहिक एक घंटे के सत्र की तुलना में निरंतर संवाद का अधिक हो सकता है।ऑनलाइन संसाधनों जैसे गूगल मैप्स , गूगल एअर्थ ,वेबसाइट चित्र और वीडियो के माध्यम से ऑनलाइन पाठ पढ़ाना रोचक हो गया है।ऑनलाइन ट्यूशन के साथ अंतिम मिंटो के समय में परिवर्तन आ सकता है। शिक्षक जब चाहे तब क्लास रख सकता है और स्थगित भी कर सकता है। इसमें यात्रा नहीं करनी पड़ती है और काफी समय बच जाता है।ऑनलाइन स्क्रीन शेयरिंग का उपयोग करके विषयो को समझना आसान हो गया है। ऑनलाइन शिक्षा एक उत्कृष्ट शिक्षा का उदहारण है।

प्रौद्योगिकी ने शिक्षण व्यस्था में बदलाव लाया

ऑनलाइन ट्यूशन की सबसे अधिक आपको शिक्षण संबंधित विकल्प देता है। ऑनलाइन व्हाइटबोर्ड का उपयोग ,फाइल ,लिंक और वीडियो भेजने के कारण शिक्षक अपनी रचनात्मक शिक्षा को विद्यार्थियों तक पहुंचा सकता है। इसमें शिक्षक को विभिन्न प्रकार से बच्चों को पढ़ाने का भरपूर मौका मिलता है।

प्रभावी शिक्षा

ऑनलाइन ट्यूशन के कारण यात्रा नहीं करनी पड़ती है। इससे समय की बचत हो जायेगी। इंटरनेट का आसानी से उपलब्ध होना ऑनलाइन शिक्षा के लिए वरदान के रूप में साबित हुआ है।

किसी भी समय पर शिक्षा

किसी भी वैश्विक स्थान और अजीब समय ऑनलाइन पर पाठ पढ़ाया जा सकता है। आपको सिर्फ केवल एक उपकरण जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन की ज़रूरत होती है।

ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान:

बच्चे बिगड़ जाते है

ऑनलाइन ट्यूशन करने से कुछ बच्चे बिगड़ जाते है। ऑनलाइन ट्यूशन बच्चो को ऑफलाइन ट्यूशन के मुकाबले कम समय के लिए शिक्षा प्रदान करता है। सिर्फ एक तरफा अध्यापक बच्चो को पढ़ाता है ,उसमे बच्चा ज़्यादा समय के लिए क्लासवर्क नहीं कर पाता है। ऑफलाइन शिक्षक बच्चे को नैतिक शिक्षा प्रदान करता है जब कि ऑनलाइन शिक्षण में ऐसा नहीं हो पाता है।

अच्छी इंटरनेट का होना अनिवार्य

ऑनलाइन ट्यूशन को अच्छे नेटवर्क की आवश्यकता होती है। जहाँ नेटवर्क नहीं है वहां ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग के पास तीव्र गति वाले इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है। इसलिए वहां ऑनलाइन शिक्षा अभी भी वहां उपलब्ध नहीं है।

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