Hindi, asked by mohandas769708, 2 months ago

विषय : स्वरचित लेख (कहानी/कविता/ घटना/ आलेख)
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Answers

Answered by Anonymous
14

चाँद को कुछ हो गया है

मैंने देखा था पिछली पूर्णिमा को

तब इसका मुंह टेढ़ा नहीं था

अब हो गया है।

पहले तो यह पूरा था

फिर आधा बचा

अब तो बस थोड़ा रह गया है।

चांद को कुछ हो गया है।

मैं परेशान था कि एक दिन यह चला जाएगा।

किसी ने कहा डांट कर तू पागल है

यह तो अगली पूर्णिमा को फिर पूरा आएगा।

पर वह मेरी परेशानी का कारण ही नहीं समझे

मैं परेशान यूं नहीं था कि

चाँद का मुंह टेढ़ा हो रहा है।

या कि वह घटकर थोड़ा हो रहा है।

या कि धरती पर अंधेरा हो रहा है।

मेरी परेशानी का कारण तो तारे हैं

जिन्हें एक रात बिना चाँद के रहना होगा।

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Thank you for points

Answered by manjubadola1
3

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