Science, asked by talrejajatin2002, 2 months ago

• विटामिन A और D तथा विटामिन B और C के बीच में क्या समानता है, जिसके कारण उन्हें एक ही वर्ग में रखते हैं। इनकी कमी से होने वाले रोगों के नाम लिखिए।​

Answers

Answered by ankhidassarma9
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Answer:

  • कई दशकों से विटामिन ए और विटामिन डी के बीच बातचीत का सुझाव दिया गया है लेकिन स्थापित नहीं किया गया है। विशेष रूप से, विटामिन ए को अस्थि खनिज रोग, रिकेट्स की गंभीरता को तेज करने और इस बीमारी को ठीक करने के लिए विटामिन डी की क्षमता को बाधित करने का प्रस्ताव दिया गया है।
  • विटामिन बी और सी पानी में घुलनशील विटामिन हैं जो शरीर के लिए आवश्यक हैं। थीसिस शरीर में नहीं बनाया जा सकता है और किसी के आहार से पूरक होना चाहिए। विटामिन को उनके जैविक कार्य और गतिविधि के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है, न कि उनकी संरचना के अनुसार।
  • विटामिन ए की कमी कॉर्निया को बहुत शुष्क बनाकर अंधेपन में योगदान देती है, जिससे रेटिना और कॉर्निया को नुकसान पहुंचता है।
  • कब्ज, दस्त, भूख न लगना या गैस। सुन्नता या झुनझुनी, मांसपेशियों में कमजोरी और चलने में समस्या जैसी तंत्रिका समस्याएं। दृष्टि खोना। विटामिन बी की कमी के कारण मानसिक समस्याएं जैसे डिप्रेशन, याददाश्त कम होना या व्यवहार में बदलाव आना।
  • स्कर्वी। गंभीर विटामिन सी की कमी से स्कर्वी होता है। शिशुओं में स्कर्वी दुर्लभ है क्योंकि स्तन के दूध में आमतौर पर पर्याप्त विटामिन सी की आपूर्ति होती है और शिशु के फार्मूले विटामिन के साथ मजबूत होते हैं।
  • विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स का विकास होता है या

       वयस्कों में अस्थिमृदुता, और थकान |

Answered by payalchatterje
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Answer:

विटामिन A और D तथा विटामिन B और C के बीच में क्या समानता :

विटामिन डी को ठीक से काम करने के लिए विटामिन ए (रेटिनॉल) की थोड़ी मात्रा की आवश्यकता होती है। लेकिन विटामिन ए और विटामिन डी खुद को एक ही सेल रिसेप्टर्स से जोड़ते हैं। यदि आपके पास बहुत अधिक विटामिन ए है, तो यह उन सेल रिसेप्टर्स को पकड़ लेता है और विटामिन डी के लिए कोई जगह नहीं छोड़ता है।

विटामिन बी और सी पानी में घुलनशील विटामिन हैं जो शरीर के लिए आवश्यक हैं। थीसिस शरीर में नहीं बनाया जा सकता है और किसी के आहार से पूरक होना चाहिए। विटामिन को उनके जैविक कार्य और गतिविधि के अनुसारवर्गीकृत किया जाता है, न कि उनकी संरचना के अनुसार।

1. विटामिन- A:

विटामिन ए दो फार्म में पाए जाते हैं, रेटिनॉल और कैरोटीन.विटामिन ए आंखों के लिए बहुत जरूरी होता है.यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों जैसे त्वचा,बाल, नाखून, ग्रंथि, दांत, मसूड़ा और हड्डी को सामान्य रूप में बनाए रखने में मदद करता है.विटामिन ए की कमी से ज्यादातर आंखों की बीमारियां होती हैं, जैसे रतौंधी, आंख के सफेद हिस्से में धब्बे.यह रक्त में कैल्शियम का स्तर बनाए रखने में भी मदद करती है और हड्डियों को मजबूत करती है.

स्रोत:

शरीर में विटामिन ए की कमी न होने के लिए चुकंदर, गाजर, पनीर, दूध, टमाटर, हरी सब्जियां, पीले रंग के फल खाने चाहिए.इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में इसकी पूर्ति करता है.

2. विटामिन- B:

विटमिन बी हमारी कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन, डीएनए को बनाने और उनकी मरम्मत में सहायता करता है.इसके कई काम्पलेक्स होते हैं, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7 और बी12.यह बुद्धि, रीढ़ की हड्डी और नसों के कुछ तत्वों को बनाने में मदद करता है.लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण भी इसी से होता है.इसकी कमी से बेरी बेरी, त्वचा की बीमारियां, एनीमिया, मंदबुद्धि जैसी कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं.इसका आनुवंशिक कारण भी हो सकता है.आंतों एवं वजन घटाने की सर्जरी कराना भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है.शाकाहारी लोगों में इसकी कमी आम बात हो जाती है क्योंकि यह विटामिन ज्यादातर जानवरों में पाया जाता है.

स्रोत

विटामिन बी ज्यादातर मांसाहारी पदार्थों जैसे मछली, मीट, अंडा आदि में पाया जाता है.शाकाहारी लोग इसकी आपूर्ति दूध और इससे बनने वाले उत्पादों, जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियों आलू, गाजर, मूली में आंशिक रूप से पाया जाता है.

3. विटामिन- C:

विटामिन सी शरीर की मूलभूत रासायनिक क्रियाओं में यौगिकों का निर्माण और उन्हें सहयोग करता है.तंत्रिकाओं तक संदेश पहुंचाना या कोशिकाओं तक ऊर्जा प्रवाहित करना आदि.विटामिन सी मानव शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक है.यह एस्कॉर्बिक अम्ल होता है जो कि हर तरह के सिट्रस फल में जैसे, नींबू, संतरा, अमरूद, मौसमी आदि में पाया जाता है.

विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो सकता है, जिसमें शरीर में थकान, मासंपेशियों की कमजोरी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मसूढ़ों से खून आना और टांगों में चकत्ते पड़ने जैसी दिक्कतें हो जाती हैं.विटामिन सी की कमी से शरीर छोटी छोटी बीमारियों से लड़ने की ताकत भी खो देता है, जिसका नतीजा बीमारियों के रूप में सामने आता है.

स्रोत

विटामिन सी खट्टे रसदार फल जैसे आंवला, नारंगी, नींबू, संतरा, बेर, कटहल, पुदीना, अंगूर, टमाटर, अमरूद, सेब, दूध, चुकंदर, चौलाई और पालक विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं.इसके अलावा दालों में भी विटामिन सी पाया जाता है.विटामिन के वसा में घुलनशील है, इसकी कमी से रक्त का थक्का जमना बंद हो जाता है.इसके स्त्रोत हरी सब्जियां, अंकुरित चने और फल हैं।

4. विटामिन- D

विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत सूर्य की किरणें हैं.जब हमारे शरीर की खुली त्वचा सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आती है तो ये किरणें त्वचा में अवशोषित होकर विटामिन डी का निर्माण करती हैं.अगर सप्ताह में दो बार दस से पंद्रह मिनट तक शरीर की खुली त्वचा पर सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणें पड़ती हैं तो शरीर की विटामिन डी की पूर्ति हो जाती है.इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, हाथ और पैर की हड्डियां टेढ़ी भी हो जाती हैं.मोटापा बढ़ने के साथ ही शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होता जाता है, जो लोग मोटापे जैसी बीमारी से ग्रस्त है उन्हें विटामिन डी की कमी को पूरा करने के साथ-साथ मोटापे को भी कम करना चाहिए.

स्रोत

सूर्य विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है.इसके अलावा दूध, अंडे, चिकन, सोयाबीन और मछलियों में भी विटामिन डी पाया जाता है.

यह हिन्दी भाषा का प्रश्न है।

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