History, asked by malti96kujur, 5 months ago

विटोरोना महामारीकेचना
सीखने को मिला है कि आधुनिक जीवन पध्दति से कहीं बेहतर प्रचीन भारतीय जीवन
शैली थी। आधुनिक और प्रचीन
जीवन शैलियों से
उल्लेख
विवरणात्मक
बर्तमान परिवेश में
हमें
किन आदतों को स्वयं अपनाना
हैं तथा
उसकी शिक्षा बच्चों को भी प्रदान प्रासंगिक होगा ​

Answers

Answered by rekhaaggarwal1612
0

Answer:

आधुनिक जीवन की भागदौड़ में, हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि हमारा तन-मन हमारे भीतर कंपायमान अनेक ऊर्जाओं की सहक्रिया है। हमारा जीवन प्रकृति के जिस नियम से अनुशासित होता है, उसे हम भूला देते हैं। और हम सोचते हैं कि तनाव और प्रदूषण से हमारे शरीरों को जो नुकसान होता है, उनसे धूम्रपान और शराब पीने जैसी आदतों से राहत मिल सकती है। इन ऊर्जाओं के असंतुलन के चलते स्वास्थ्य बिगड़ता है।

भाग्यवश, हम एक ऐसे देश के रहने वाले हैं जिसने हमारे तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए सदैव प्रकृति से मिले उपहारों का सहारा लिया है। आयुर्वेद और योग जैसे प्राचीन विज्ञान बार-बार इस बात को दोहराते हैं कि प्रकृति के साथ तालमेल रखने से ही अच्छा स्वास्थ्य हासिल होता है।

आइए हम इनमें से कुछ प्राचीन पद्धतियों को देखते हैं जो हमारी संस्कृति और पालन-पोषण का हिस्सा रही हैं।

इनसे हमें एक स्वस्थ तन के अंदर एक स्वस्थ मन हासिल करने में मदद मिल सकती है।

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