वात्सल्य के पद के आधार पर सूरदास जी के का काव्य विशेषताओं पर प्रकाश डालिए
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सूर के वात्सल्य वर्णन में स्वाभाविकता, विविधता, रमणीयता, एवं मार्मिकता है जिसके कारण वे वर्णन अत्यंत हृदयग्राही एवं मर्मस्पर्शी बन पड़े हैं। यशोदा के बहाने सूरदास ने मातृ हृदय का ऐसा स्वाभाविक, सरल और ह्रदय ग्राही चित्र खींचा है कि आश्चर्य होता है।
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