वृतांत लेखन कैसे लिखे
Answers
Explanation:
- वृत्तांत-लेखन
वृत्तांत-लेखन का अर्थ है किसी को सूचना देने के लिए किया गया किसी घटना का विस्तृत वर्णन।
वृत्तांत में किसी सत्य घटना का वर्णन किया जाता है। यह वर्णन क्रमबद्ध होता है। अर्थात जिस क्रम से पूरी घटना हुई हो, उसी क्रम के अनुसार उसका वर्णन किया जाता है। घटना के प्रसंगों में उलट-फेर
नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त वर्णन इतना सजीव होता है कि पाठक के सामने पूरा चित्र साकार हो जाता है।
वृत्तांत समाचार पत्र और सामयिक पत्रिकाओं के लिए तैयार किए जाते हैं। विशेष घटना या प्रसंग, शैक्षणिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम्मेलन या समारोह, नेताओं की सभा, दुर्घटना आदि के वृत्ति हम समाचार पत्रों में देखते हैं।
2.वृत्तांत लिखते समय ध्यान में रखने योग्य बातें
(1) वृत्तांत के लिए दिए गए विषय को भली भांति समझ लीजिए। उसके आधार पर कच्ची रूपरेखा तेयार कीजिए। इसके बाद घटनाक्रम के अनुसार वृत्तांत लिखिए।
(2) वृत्तांत में केवल महत्त्व की बातों का ही समावेश करना चाहिए। गौण बातें छोड़ देनी चाहिए। घटना के वर्णन में एकसूत्रता होनीचाहिए।
(3) आवृत्ति में दिनांक, समय, स्थान, व्यक्ति-विशेष आदि का स्पष्ट निर्देश होना चाहिए।
(4) वृत्तांत में घटना का सुंदर और सजीव वर्णन करना चाहिए। कहीं भी अस्वाभाविकता या अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए।
(5) वृत्तांत घटना-क्रम के अनुसार अनुच्छेद में लिखना चाहिए।
(6) वृत्तांत को एक छोटा और आकर्षक शीर्षक देना चाहिए।
Answer:
वृत्तांत लेखन एक ऐसी रचना है जिसमें घटना या समारोह का विवरण किया जाता है।
Explanation:
वृत्तांत लेखन हम किसी घटना या समारोह की जानकारी का विवरण देने के लिए लिखते हैं। इसे लिखना एक कला हैं जिसमे भाषा का बहुत ध्यान से प्रयोग किया जाता हैं।
वृतांत दिखते समय ध्यान रखने योग्य बाते:
- लेखन में घटना या समारोह का ही वर्णन होना चाहिए।
- लेखन में घटना के होने का समय एवं स्थान वर्णित होना चाहिए।
- लेखन में घटना घटित होने के क्रम में लिखना चाहिए।
- वृतांत लिखते समय शब्दों की सीमा का ध्यान रखना चाहिए।
- घटना या समारोह के मुख्य लोगों के बारे में संक्षिप्त में विवरण करना चाहिए।
- वृत्तांत में आवश्यक एवं आशय पूर्ण बातें ही हो।