Hindi, asked by sanjaytulavi, 3 months ago

वित्त और वाणिज्य कि भाषा को स्पष्ट कीजिए​

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Answered by afsana620ali
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Answer:

हिंदी:वाणिज्य और व्यापार की भाषा

भूमण्डलीकरण, उदारीकरण, औद्योगिकरण, बाजारवाद, साक्षरता, शिक्षा के प्रसार, लघु कुटीर उद्योगों के विकास आदि से वाणिज्य और व्यवसाय की प्रयोजनमूलक भाषा के रूप में और जन व्यवहार की भाषा के रूप में हिंदी का संर्वधन हुआ है।

Answered by bhatiamona
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वित्त और वाणिज्य कि भाषा को स्पष्ट कीजिए​।

विज्ञान और वाणिज्य की भाषा इस प्रकार है :

वित्त की भाषा : वित्त का अर्थ धन होता है। धन जीवन के लिए यह बेहद आवश्यक वस्तु है। धन के अभाव में किसी का भी जीवन सुचारू रूप से नहीं चल सकता। धन के अभाव में ना तो किसी संस्था और ना ही व्यवसायिक कार्य को प्रारंभ किया जा सकता है। कोई भी व्यवसाय बिना वित्त के संचालित नहीं किया जा सकता। वित्त का महत्व किसी भी व्यापार व्यवसाय और सामान्य जीवन में उसी प्रकार है, जिस प्रकार शरीर में रक्त का महत्व है। बिना रक्त के शरीर के अंग गतिशील नहीं रह सकते। उसी प्रकार बिना वित्त के कोई भी व्यवसायिक कार्य का संचालन संभव नही हो पाता।

वाणिज्य की भाषा : वाणिज्य उस क्षेत्र को कहते हैं, जिसमें व्यापार-व्यवसाय, आयात, निर्यात बैंकिंग जैसी कई गतिविधियां होती हैं। जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, वह साहित्यिक भाषा से विशिष्ट भाषा होती है। वित्त की भाषा की शब्दावली विशिष्ट होती है। जैसे दाल उछली, काबुली चने में उछाल, सोना गिरा चांदी चढ़ी, रुपया गिरा।

वाणिज्य की भाषा में जिस शब्दावली का प्रयोग किया जाता है, वह शब्दावली आम जीवन में प्रयोग नही की जाती है।

#SPJ3

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