Hindi, asked by RohanNarayane, 11 months ago

वूत्तांत लेखन बाढ़पीडितों को मदत​

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Answered by priyanshu6498
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पानी के रास्तों में लगातार रुकावट और पानी की जगहों पर कब्जा ‘पानी’ को बर्दाश्त नहीं है। झीलों, तालाबों और वेटलैंड पर कब्जा करके हमने पानी की जगहों को कम किया है। परिणामतः पानी हमारी जगहों में यानी हमारे घरों में घुसने लगा है। मुंबई, लेह-लद्दाख, बाड़मेर और केदारनाथ के बाद कश्मीर में आई बाढ़ को प्राकृतिक आपदा कहकर भूलने की कोशिश कर रहे हैं। पर क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है। ये ऐसी जगहें हैं या तो पहाड़ है या रेगिस्तान, इनमें अब बाढ़ आ रही है। राजस्थान पत्रिका के इस एपिसोड में बताया गया है कि नदी, नालों और झीलों पर अतिक्रमण ने ही/भी बिगाड़े हैं कश्मीर में हालात।

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