वृत्तांत लेखन
प्रगति विद्यालय, अमरावती में मनाए गए 'शिक्षक दिवस समारोह का
60-से80 शब्दों में वृत्तांत लेखन कीजिए। [वृत्तांत लेखन में स्थान, समय
घटना का उल्लेख आवश्यक है।]
शिक्षक दिवस समारोह
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भारत में 5 सितंबर 2019 को, हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिन के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया गया, जो की भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और एक प्रतिभाशाली शिक्षक थे।
इसे हर वर्ष पूरे भारत में, बच्चों द्वारा काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बच्चे शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान और प्रेम दिखाने के लिए, कई प्रकार की तयारी करते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार के उपहार और भाषण सुना के अपना आदर व्यक्त करते हैं करते हैं।
मध्यप्रदेश सरकार ने पहली बार शिक्षक दिवस को 5 सितंबर की जगह 6 सितंबर को मानाने की बात कही है। जिसके तहत पुरस्कार वितरण समारोह को 5 सितंबर कि जगह 6 को मनाया जायेगा। इस कार्यक्रम में विलम्ब की वजह वहां के शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभु राम जी के दक्षिण कोरिया के दौरे को बतया जा रहा है, जहां से वे 6 सितंबर को वापस लौटेंगे।
गुजरात सरकार ने इस शिक्षक दिवस के मौके पर, गुजरात के बच्चों के लिये प्रतिभाशाली विद्यार्थी पुरस्कार योजना शुरू की है। जिसके तहत कक्षा 5वीं से लेकर 7वीं तक के उन सभी विद्यार्थियों को सम्मानित करेगी जिसने वर्ष 2018-19 के सत्र में 75% से उपर अंक प्राप्त किए हैं।
गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिये भी ऐसे पुरस्कारों का आयोजन किया है, जिसे इस वर्ष शिक्षक दिवस के मौके पर दिया जाएगा।

भारतीय शिक्षक दिवस
एक व्यक्ति के जीवन को आकार देने में उसके माता-पिता से ज्यादा एक अच्छे शिक्षक का योगदान होता है। हमारे देश की संस्कृति में शिक्षक को भगवान से ऊपर स्थान दिया गया है। किसी एक के जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने में एक अच्छे गुरु का मार्गदर्शन और सहायता बहुत मायने रखता है।
अपने स्कूल-कॉलेज के दिनों में अपने गुरु के द्वारा निभाये गये निर्माणकर्ता की भूमिका को हर सफल इंसान हमेशा याद रखता है, शिक्षक के कार्यों को धन्यवाद शब्द में समाहित नहींकिया जा सकता है। विद्यार्थीयों के जीवन को बेहतर बनाने के दौरान गुरु सबसे ईमानदारी से कार्य करता है, पढ़ाई-लिखाई के अलावा दूसरे पाठ्येतर क्रियाओं में भी शिक्षक विद्यार्थीयों का ध्यान रखते है। अपने जीवन के हर पहलू और मार्गदर्शन के लिये विद्यार्थी अपने शिक्षक पर निर्भर रहता है; और एक अच्छा गुरु कभी अपने चेले को निराश नहीं करता है।
लाखों विद्यार्थीयों के भविष्य को गढ़ने तथा सहायता करने में अनगिनत शिक्षकों के द्वारा दिये गये योगदान का धन्यवाद और सम्मान करने के लिये हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है और इसी के परिणामस्वरुप भारत की किस्मत आकार ले रही है।
शिक्षक दिवस समारोह की उत्पत्ति
डॉक्टर सर्वपल्ली राधकृष्णन के सम्मान में 1962 से शिक्षक दिवस के रुप में मनाने के लिये ये दिन चिन्हित किया गया है जो 5 सितंबर 1888 को पैदा हुए थे। डॉक्टर सर्वपल्ली राधकृष्णन एक महान अध्येता, दार्शनिक और आधुनिक भारत के शिक्षक थे साथ ही उन्हें 1954 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। वो 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। इसलिये ये केवल स्वाभाविक था कि पूरे देश भर में लाखों अनजान शिक्षकों को सम्मान देने के लिये उनका जन्म दिन मनाया जाता है। ये उनकी इच्छा थी कि हर साल 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के बजाय पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रुप में इस दिन को मनाना ज्यादा बेहतर होगा।
भारत का शिक्षक दिवस दुनिया के शिक्षक दिवस से अलग है जोकि पूरे विश्व में 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस समारोह का तरीका
इस दिन देश के हर स्कूल में, अपने गुरु के प्रति इज्जत और प्यार के प्रतीक के रुप में विद्यार्थी कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा क्रिया-कलापों का प्रबंधन और प्रदर्शन करते है। विद्यार्थीयों से अच्छे परिणाम पाने और स्कूल के विकास में अपने योगदान के लिये अद्भुत् शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया जाता है।
अपने पसंदीदा शिक्षक के प्रति स्नेह और आभार प्रकट करने के लिये विद्यार्थी खुद से भी गुरु को उपहार देता है। विद्यार्थी और शिक्षक के बीच में एक जीवन-पर्यन्त संबंध विकसित हो जाता है। शिक्षक भी इस दिन पर खुद को खास महसूस करता है क्योंकि उसके कड़ी मेहनत और ईमानदारी को सम्मान दिया जाता है।
राष्ट्र को बनाने में शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्व और सार्थक होती है; इसलिये ये जरुरी है कि हम उनका अत्यधिक सम्मान और आभार जताएँ और विद्यार्थी-शिक्षक के खास संबंध के दिन को 5 सितंबर के रुप में मनाये।
शिक्षक दिवस का महत्व
हमारे जीवन में शिक्षक दिवस का महत्व उतना ही अधिक है जितना की शिक्षकों का। यह वह दिन है जब लोग देश के कोने-कोने से इन्हे इनके योगदान से सबको शिक्षित करने, सभ्य बनाने, जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाने के लिये सलाम करते हैं। शिक्षक देश के लिये हर दिन काम करते हैं परंतु, शिक्षक दिवस पूरे वर्ष में बस एक ही बार मनाया जाता है, जब हम अपने शिक्षकों को धन्यवाद दे पाते हैं, कि उन्होने हमें इतना काबिल बनाया, हमें इतना ज्ञान दिया कि हम सही-गलत का भेद समझ पाएं और हमें कड़ी मेहनत करने और अनुशासित जीवन जीने का पाठ पढ़ाया।