Hindi, asked by ranjeetthakur7853938, 2 months ago

*वैदिक काल में "ढेले चुनने" की प्रथा किस से संबंधित थी?* 1️⃣ विवाह से 2️⃣ कृषि से 3️⃣ मिट्टी के बर्तन बनाने से​

Answers

Answered by shishir303
1

सही विकल्प है...

➲ 1️⃣ विवाह से

✎... वैदिक काल में "ढेले चुनने" की प्रथा “विवाह” से संबंधित थी।

वैदिक काल में उस समय एक अलग तरह की प्रथा चलती थी। इस प्रथा में एक हिंदू युवक अपना विवाह करने के लिए युवती के घर जाता था और अपने साथ सात तरह की मिट्टी के ढेले लेकर जाता था। यह ढेले अलग-अलग तरह की मिट्टी से बने होते थे और यह बात केवल युवक ही जानता था कि कौन सा ढेला कहाँ की मिट्टी से बना है। अर्थात ये ढेले मसान, खेत, वेदी, चौराहे तथा गौशाला आदि जगह से लाई गयी की मिट्टियों से बने होते थे। हर मिट्टी के ढेले का अपना-अलग मतलब हुआ करता था।  

युवक इन ढेलों को युवती के सामने रखकर युवती से उन ढेलों में से एक ढेला चुनने को कहता था। जब युवती से ढेला चुनने को कहा जाता तो युवती मिट्टी के ढेले में से जो ढेला उठाती तो उसी के अनुसार निर्णय किया जाता था।  

यदि युवती गौशाला की मिट्टी का ढेला उठाती तो उससे जन्म लेने वाला पुत्र पशुधन से धनवान माना जाता। यदि युवती वेदी की मिट्टी से बना ढेला उठाती तो युवती से जन्म लेने वाला पुत्र विद्वान बनता। यदि युवती मसान की मिट्टी से बने ढेले को उठाती तो यह अमंगल का प्रतीक माना जाता था। इस तरह अन्य ढेलों के साथ भी कोई ना कोई मान्यता जुड़ी होती थी।  

इस तरह की प्रथा एक लॉटरी के समान थी जिसने सही ढेला उठा लिया तो उसे वर या वधू प्राप्त हो जाते। यदि गलत ढेला उठा लिया तो उसको निराशा हाथ लगती थी।

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