विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार पर निबंध
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देश में स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने व सभी विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के प्रति लोगों को जागरूक होगा पड़ेगा। चीन की नीतियों के कारण हमारे 2000 लघु व मध्यम उद्योग चौपट हो गए। इससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। भारत विश्व के 190 देशों से व्यापार करता है। जिनसे 60 प्रतिशत व्यापारिक घाटा होता है उस घाटे का 42 प्रतिशत घाटा अकेले चीन से हमें होता है।
रुपयों में यदि इसका मूल्यांकन किया जाए तो 3 हजार 542 अरब रुपए हम चीन को प्रतिवर्ष देते हैं। जबकि इतने रुपए से हम 2100 ब्रह्मोस मिसाइलें खरीद सकते हैं। चीन हमारी सस्ता माल खरीदने की मानसिकता जान चुका है। हम यदि अभी नहीं जागे तो पुन: आर्थिक गुलामी की ओर अग्रसर हो जाएंगे। कंवर काॅलोनी स्थित पूजा गार्डन में मुख्य वक्ता खरगोन विभाग संघ चालक राधेश्याम पाटीदार ने सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान के तहत चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर संकल्प सभा व स्वदेशी रैली का आयोजन शनिवार को हुआ। कंवर काॅलोनी से निकली मौन रैली विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस कार्यक्रम स्थल पहुंची। उन्होंने कहा भारत व चीन के बीच सीमा व अन्य मुद्दों को लेकर विवाद इन दिनों चरम पर है। चीन एक तरफ हमारे बाजार का उपयोग करता है और दूसरी तरफ आतंकवाद जैसे मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देता है। यदि देश के सभी लोग चीनी वस्तुओं को बहिष्कार करना शुरू कर दे तो चायना की आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर रहा है और चीन ने भारत की एनएसजी में हमारी सदस्यता पर 6 अन्य देशों के साथ मिलकर रोक लगा दी। भारत के लिए समस्या खड़ी करना, पाकिस्तान की हरकतों का समर्थन करना, उसकी अघोषित नीति बन गई है। प्रांत शारीरिक प्रमुख कैलाश आवले, राजेंद्र साद, राकेश गुप्ता, परीक्षित जोशी, लक्ष्मीचंद अमई, राजेश राठौड़, देवीसिंह बघेल, हेमचंद खंडेलवाल, अर्जुनजी, विक्रमजी, केशवजी, बादलजी, जिला संयोजक कमल नामदेव, बाबूलाल अग्रवाल मौजूद थे। कमल नामदेव ने बताया जिले में स्वदेशी पखवाड़ा के तहत 40 हजार विद्यार्थियों व गणमान्य नागरिकों ने स्वदेशी वस्तु अपनाने व चायना की सामग्री न खरीदने का संकल्प लिया। मानव शृंखला, घर-घर संपर्क अभियान, चायना वस्तु की होली व सभा आयोजित की गई थी।