'वे दुष्कर्मों का फल चखते हैं।' कवि किन दुष्कर्मों की बात कर रहे हैं ?
Answers
Answered by
1
Answer: एक-एक पत्ती पर हम सब के सपने सोते हैं शाखें कटने पर वे भोले, शिशुओं सा रोते हैं। पेड़ों के संग बढ़ना सीखो, पेड़ों के संग खिलना पेड़ों के संग-संग इतराना, पेड़ों के संग हिलना। हरा-भरा रखते हैं नहीं समझते जो, दुष्कर्मों का वे फल चखते हैं। आज सभ्यता वहशी बन, पेड़ों को काट रही है ज़हर फेफड़ों में भरकर हम सब को बाँट रही है
Similar questions