वृद्धों की समस्या पर एक निबंध लिखिए
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इतिहास इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है
प्राचीन काल में वृद्धों की स्थिति अत्यंत उन्नत एवं
सम्माननीय रही है। उन्हें समाज एवं परिवार में
अलग वर्चस्व था। परिवार की समस्त बागडोर
उनके हाथों हुआ करती थी। परिवार का कोई
फैसला उनकी सलाह व मशवरे के आधार पर
होता था। उन्हीं की सत्ता एवं प्रभाव के कारण
पहले संयुक्त परिवार हुआ करते थे, वे परिवार
के सदस्यों को एक धागे में बांधे रखते थे, परंतु
भौतिकवादी युग में वृद्धों की समस्याओं को
बढ़ना एवं समाज में उनकी उपयोगिता कम और
समस्याएं बढ़ती नजर आ रही है। बुढ़ापा जीवन का
अंतिम पड़ाव है कार्य करने की क्षमता कमजोर हो
जाती है। भरण पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर
रहना पड़ता है यही निर्भरता वृद्धों की समस्याओं
का मूल है। शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से घुटन
भरी जिंदगी जीने को विवश हो जाती है। चाहे
वह शिक्षित हो या अशिक्षित क्यों ना हो, इस
अवस्था में उनकी गाड़ी चरमराने लगती है।