वेद विज्ञान की भौतिक विज्ञान से तुलना कीजिए?
Answers
Answer:
Pravakta.Com | प्रवक्ता.कॉम
Search for:
Search …
HOMEराजनीतिवेद विज्ञान और इतिहास
राजनीति
वेद विज्ञान और इतिहास
1 year ago राकेश कुमार आर्य
संस्कृत भाषा से भारत वासियों की दूरी बनाकर विदेशी लेखकों , विद्वानों , साहित्यकारों और इतिहासकारों को भारत और भारत के बारे में झूठी और भ्रामक धारणाएं स्थापित करने का अच्छा अवसर उपलब्ध हुआ । भारत वासियों ने अज्ञानता के कारण और पश्चिमी जगत के विद्वानों को ही विद्वान मानने की अपनी मूर्खता के कारण उनकी धारणाओं को सच मानना आरंभ कर दिया । जिसका परिणाम यह हुआ कि हमारे देश में भी है । पश्चिमी विद्वानों की देखादेखी हमारे देश में ही कई ऐसे लोग निकलकर सामने आए जिन्होंने वेदों में इतिहास मानने की पश्चिमी जगत की फैलाई गई भ्रामक धारणा का समर्थन करना आरंभ कर दिया ।
इसका परिणाम यह हुआ कि वेदों में आए संस्कृत नामों को या शब्दों को इतिहास के नामों के साथ या ऐतिहासिक स्थलों के साथ जोड़ने की कसरत आरंभ हो गई । यह कसरत इतनी बढ़ी कि मोहम्मद साहब , ईसामसीह , कबीर और अन्य मत या संप्रदायों के प्रवर्तकों के नामों को भी वेदों में खोजने का क्रम आरंभ हो गया । हिन्दू समाज में भी ऐसे अनेकों लोग हैं जो श्री राम, कृष्ण, गणेश, विभिन्न देवी-देवता जैसे इन्द्र, वरुण, अग्नि आदि से लेकर भौगोलिक पर्वत, राजाओं के राज्य आदि का वर्णन वेदों में मानते हैं। कई लेखक वेदों में गंगा, सरस्वती आदि नदियों का वर्णन होना मानते है।