Hindi, asked by chandankumaramarbigh, 3 months ago

विद्वान् किसको त्यागकर आत्मस्वरूप को प्राप्त कर लेते है।​

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Answered by shishir303
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विद्वान चित्त की चंचलता को त्याग कर आत्मस्वरूप को प्राप्त कर लेते हैं।

जिसका चित्त स्थिर नहीं है, मन चंचल है, विषय वासनाओं में भटका हुआ है, वह आत्म स्वरूप को नहीं प्राप्त कर सकता। आत्मस्वरूप को प्राप्त करने के लिए आत्म ज्ञान होना आवश्यक है। आत्मज्ञान तभी होता है, जब अपने मन की चंचलता पर लगाम लगाई जाए। इंद्रियसुख और भौतिक विषयों के प्रति आसक्ति को मिटाया जाए। ऐसे में विद्वान जन चित्त की चंचलता और अर्थात अपने चंचल मन को त्याग कर अपने आत्मज्ञानी होकर आत्मस्वरुप को प्राप्त कर लेते हैं।

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Answered by anisha3145
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Answer:

chit ko...

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