“विद्या अतुल्य है। मीरा के पद के आधार पर सिद्ध कीजिए।
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Answer: विद्या ही दुनिया में अकेली ऐसी चीज है जो कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है। मीराबाई जो कम उम्र में विधवा हो गई थी। वह सालों तक बाहर नहीं आई थी क्योंकि उनको उनके ससुराल वालों ने बंदी बनाकर रख दिया था।
मगर मीराबाई ने उन समय को व्यर्थ नहीं गंवाया उन्होंने ग्रंथ पड़ा एवं कृष्ण भक्ति में खुद को इस तरह रमा लिया कि आज भी मीराबाई को कृष्ण भक्त के रूप में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
यही कारण है कि मीराबाई की कविता इतनी सुंदर होती है।
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