CBSE BOARD X, asked by monasahu2002, 5 months ago

विद्या के समान धन नहीं है , संस्कृत मे अनुवाद करो​

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Answered by divyashukla212
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Answer:

पुस्तकस्था तु या विद्या परहस्तगतं धनम्। कार्यकाले समुत्पन्ने न सा विद्या न तद् धनम्॥ ८३॥ ज्ञान यदि पुस्तक में ही रहे (अर्थात् उसे पढ़ा न जाए) और स्वयं का धन यदि किसी अन्य के हाथों में हो तो आवश्यकता पड़ने पर उस ज्ञान और धन का उपयोग नहीं नहीं किया जा सकता।

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