Hindi, asked by Anshuman2627, 1 year ago

विद्यालय के बारे में बताते हुऐ पिता को पत्र लिखें।
Answer quick plzz
NO WRONG ANSWERS


Akhilkumar01: what we should about school

Answers

Answered by sallu14
36
पताः ................
दिनांक: ..............

पूज्यनीय पिताजी,
सादर प्रणाम!
आज ही आपका पत्र मिला। हालचाल मालूम हुआ। मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ। पिछले महीने हमारे यहाँ वार्षिकोत्सव की तैयारी थीं इसलिए आपको पत्र नहीं लिख पायी। जैसा आपको पता है कि हमारे विद्यालय में वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार के वार्षिक उत्सव में मैंने भी भाग लिया था और इस बार मुझे 'सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी' का पुरस्कार भी मिला।

यह पुरस्कार मेरे लिए बहुत महत्व रखता है। मैंने पूरे वर्ष बिना कोई अवकाश लिए अपना सत्र पूरा किया था। अपने हर विषय में पूरी ईमानदारी से परिश्रम किया और अच्छे अंक प्राप्त किए। अपने व्यवहार से अध्यापकों का दिल जीत लिया। इसलिए मुझे विद्यालय की तरफ़ से 'सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी' का पुरस्कार दिया गया। वार्षिक उत्सव मैं मैंने पंजाबी लोकनृत्य पर नृत्य किया। हमारे कार्यक्रम के समय विद्यालय के सभी विद्यार्थियों में जोश भर दिया। सब हमारे नृत्यु की प्रशंसा कर रहे थे। हमारे नृत्य को सभी शिक्षकों द्वारा सहारा भी गया और प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। इस बार का वार्षिकों उत्सव मेरे लिए यादगार रहा। मुझे दो पुरस्कार प्राप्त हुए और प्रधानाचार्य मेरी खुब प्रशंसा की गई। यदि आप लोग यहाँ होते, तो मेरी उपलब्धि देखकर बहुत प्रसन्न होते। अच्छा अब पत्र समाप्त करती हूँ। पत्र मिलते ही मुझे पत्र लिखिएगा और घर में सबको मेरा प्रणाम कहिएगा।
आपकी पुत्री
किन्नी
Answered by ushasidagam
8

Answer:

Explanation:

पताः ................

दिनांक: ..............

पूज्यनीय पिताजी,

सादर प्रणाम!

आज ही आपका पत्र मिला। हालचाल मालूम हुआ। मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ। पिछले महीने हमारे यहाँ वार्षिकोत्सव की तैयारी थीं इसलिए आपको पत्र नहीं लिख पायी। जैसा आपको पता है कि हमारे विद्यालय में वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार के वार्षिक उत्सव में मैंने भी भाग लिया था और इस बार मुझे 'सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी' का पुरस्कार भी मिला।

यह पुरस्कार मेरे लिए बहुत महत्व रखता है। मैंने पूरे वर्ष बिना कोई अवकाश लिए अपना सत्र पूरा किया था। अपने हर विषय में पूरी ईमानदारी से परिश्रम किया और अच्छे अंक प्राप्त किए। अपने व्यवहार से अध्यापकों का दिल जीत लिया। इसलिए मुझे विद्यालय की तरफ़ से 'सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी' का पुरस्कार दिया गया। वार्षिक उत्सव मैं मैंने पंजाबी लोकनृत्य पर नृत्य किया। हमारे कार्यक्रम के समय विद्यालय के सभी विद्यार्थियों में जोश भर दिया। सब हमारे नृत्यु की प्रशंसा कर रहे थे। हमारे नृत्य को सभी शिक्षकों द्वारा सहारा भी गया और प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। इस बार का वार्षिकों उत्सव मेरे लिए यादगार रहा। मुझे दो पुरस्कार प्राप्त हुए और प्रधानाचार्य मेरी खुब प्रशंसा की गई। यदि आप लोग यहाँ होते, तो मेरी उपलब्धि देखकर बहुत प्रसन्न होते। अच्छा अब पत्र समाप्त करती हूँ। पत्र मिलते ही मुझे पत्र लिखिएगा और घर में सबको मेरा प्रणाम कहिएगा।

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