Hindi, asked by mauryabhanchandr, 4 days ago

विद्यालय का मेला निबंध​

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Answered by Anonymous
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विद्यालय जीवन में वार्षिकोत्सव का विशेष महत्त्व है, क्योंकि उदेश्य विद्यार्थियों में आत्म-संयम, विद्यालय की प्रगति में सहयोग देना और अभिभावकों से सम्पर्क स्थापित करना होता है । इन उत्सवों के आयोजन से विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा, प्रदर्शन, आत्माभिव्यक्ति और दायित्व की भावना को बहिर्मुखी होकर विकसित होने का पूरा मौका मिलता है ।

हमारे विद्यालय में प्रति वर्ष वार्षिकोत्सव का प्रारम्भ बसन्त पंचमी से एक सप्ताह पूर्व हो जाता है । इस वर्ष हमारे विद्यालय को आरम्भ हुए पचास वर्ष पूर्ण हो गये थे । इसलिए हमारे विद्यालय की कार्यकारिणी समिति ने इस वर्ष के उत्सव को ' स्वर्ण जयन्ती ' के रूप में मनाने का निश्चय किया । इस आयोजन के कार्यों का विभाजन कर दिया गया ।

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Answered by rinku1582010
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आरम्भिक शिक्षा में बाल मेला आयोजित किया जाता हैं कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों के द्वारा इसका आयोजन किया जाता हैं. सभी कक्षाओं के बच्चें इस मेलें में शामिल होते हैं तथा आनन्द व हर्ष के साथ इस आयोजन का लुफ्त उठाते हैं.

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे, आजादी के बाद उन्होंने देश की कमान सम्भाली तथा अगले एक दशक तक वे सर्वोच्च पद पर बने रहे. नेहरू का स्वभाव बेहद मिलनसार था विशेष कर बच्चों के प्रति उनका गहरा लगाव थे. इस कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में उन्हें पहचानते थे.

वर्ष 1925 में ही उनके जन्म दिन 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाया गया. आजादी के बाद सभी विद्यालयों में इस दिन को एक पर्व की भांति मनाया जाने लगा. बाल दिवस के अवसर पर शिक्षण संस्थानों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन होता हैं. खेल, प्रदर्शनी तथा बाल मेला इनमें प्रमुख हैं.

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