विद्यालय की ओर से शैक्षिक भ्रमण का वर्णन करते हुए अनुच्छेद
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विद्यालय की ओर से शैक्षिक भ्रमण का वर्णन
हमारे विद्यालय ‘नवनजीवन हाईस्कूल’, दिल्ली, द्वारा गत् 5 मई 2019 को एक शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया गया। ये भ्रमण कक्षा 9 व 10 के सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं के लिये था। हमारे दल में कुल 130 छात्र-छात्रायें और 10 शिक्षकगण थे। हमारे शैक्षणिक भ्रमण का विषय और उद्देश्य था - ‘चीजें कैसे बनती हैं’। सबसे पहले हम ‘नोयडा’ स्थित मोबाइल बनाने वाली एक प्रसिद्ध कंपनी की मैन्युफैक्चिरंग यूनिट में गये। वहाँ हमने मोबाइल बनने की पूरी प्रक्रिया को देखा और समझा। कैसे मोबाइल के छोटे-छोटे पार्ट्स बनते हैं और फिर कैसे उन सबको जोड़कर मोबाइल का रूप दिया जाता है। जो मोबाइल आज हमारे जीवन का एक जरूरी उपकरण बन गया है उसे अपनी आँखों के सामने बनते देखना एक रोचक अनुभव था। कंपनी के मैनेजर ने हमें मोबाइल के बारे कई ऐसी तकनीक जानकारी दीं जो पहले हमें पता नही थीं। उसके बाद हमने उसी क्षेत्र में स्थित पंखा बनाने वाली एक प्रसिद्ध कंपनी का भ्रमण किया और वहाँ पर अलग-अलग तरह के पंखों जैसे कि टेबल फैन, सीलिंग फैन और वाटर कूलर को बनने की सारी प्रक्रिया को देखा और समझा। हमारा ये शैक्षणिक भ्रमण बहुत ही ज्ञानवर्द्धक रहा और हमें अपने जीवन में काम आने वाली दो वस्तुओं के बारे में काफी रोचक जानकारी मिली।
भ्रमण मनुष्य जीवन का एक अभिन्न अंग है। एक ही स्थान पर बहुत समय तक रहने से हम ऊब जाते हैं, नए-नए स्थानों पर जाने की इच्छा होती है। जब हम नए-नए स्थानों पर जाते हैं, तो वहाँ विविध वस्तुओं से परिचय होता है। हमारा ज्ञानवर्धन होता है। मन भी प्रसन्न होता है। हम जीवन में केवल पुस्तकों से ही नहीं, अपितु अन्य भी बहुत से माध्यम हैं, जिनसे सीखते हैं। उन्हीं माध्यमों में भ्रमण भी शिक्षा का एक अच्छा माध्यम है। जिन-जिन जगहों पर हम जाते हैं, वहाँ-वहाँ के लोगों की संस्कृति, परमपराएँ, खानपान, वेशभूषा, रहन-सहन आदि का पता चलता है। अलग-अलग प्रकार के शिष्टाचारों का ज्ञान होता है। भ्रमण में विभिन्न स्वभाव वाले मनुष्यों से मिलन होता है, उनके व्यवहारों को देख कर हम बहुत कुछ सीखते हैं। भ्रमण से सृष्टि की विविधता का बोध होता है। विविध वनस्पतियाँ, नदी, पर्वत, झील, मन्दिर, महल इत्यादि वस्तुओं को देखकर मन नवीनता का अनुभव करता है।भ्रमण से वर्तमान की सामाजिक परिस्थितियों का ही नहीं, किन्तु विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों को देखकर हम पुरानी सभयता, कला, संस्कृति एवं परमपराओं के बारे में भी ज्ञान प्राप्त करते हैं। भ्रमण में हमें विभिन्न परिस्थितियाँ प्राप्त होती हैं। उन सब में सामञ्जस्य करना होता है। संग में यात्रा हो तो उसका भी अलग ही अनुभव होता हैं।