विद्यालय के प्रांगण में मनाए गए 'बालदिवस' का वृत्तांत तैयार कीजिए:
(14 नवंबर 2020 नुतन विद्यालय का प्रांगण, पुणे-411003)
(वृत्तांत में स्थान, समय, घटना, काल का उल्लेख अनिवार्य है।)
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बाल दिवस के बारे में
बच्चों का दिन (बाल दिवस के नाम से भी जाना जाता है) भारत में हर साल 14 नवम्बर को लोगों को बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है। बच्चे देश की सफलता और विकास की कुँजी है क्योंकि वो ही अपने देश का नये और तकनीकी ढंग से नेतृत्व करेंगे। वो अनमोल मोती की तरह ही चमकदार और अति आकर्षक होते हैं। बच्चे सर्वशक्तिमान द्वारा उनके माता-पिता के लिए भगवान का उपहार हैं। वो निर्दोष, सराहनीय, शुद्ध और हर किसी को प्यारे होते हैं।
14 नवंबर (पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन) को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए निर्धारित किया गया है। 14 नवंबर पहले भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्म तिथि है। वो भारत की आजादी के तुरन्त बाद भारत के प्रधानमंत्री बने। हर साल बाल दिवस लोगों को विशेष रुप से माता-पिता को इस दिन के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है।
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है
चाचा नेहरू (पंडित जवाहर लाल नेहरु), एक महान भारतीय नेता का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने भारत की आजादी के बाद बच्चों के साथ ही युवाओं के भलें के लिए बहुत अच्छे काम किया। उन्होंने भारत के बच्चों की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया। वो बच्चों के के प्रति बहुत स्नेही थे और उनके बीच चाचा नेहरू के रूप में प्रसिद्ध हो गये।। भारत के युवाओं के विकास और प्रगति के लिए, उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की थी।