Hindi, asked by khush2769, 11 months ago

विद्यालय के प्रथम दिवस पर आने अनुभव का वर्णन कीजिए

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Answered by babusinghrathore7
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Answer:

विद्यालय का प्रथम दिन का अनुभव अविस्मरणीय हैं। विद्यालय में पहले दिन मैं चाचाजी के साथ विद्यालय गया था। उस दिन सुबह जल्दी उठकर विद्यालय समय से काफी पहले ही तैयार हो गया था। अपना बस्ता तैयार करके उसे कंधो पर लटकाकर चाचाजी की अंगुली पकड़कर विद्यालय गया। कक्षा में मुझे बिठाकर चाचाजी वापस आ गए थे। मुझे बड़ा डर लग रहा था। मैं किसी लड़के को जानता भी नहीं था। मैं चुपचाप एक तरफ दरी पर बैठ गया था। वहां एक अध्यापक आए और सबकी उपस्थिति लेने लगें, लेकिन मेरा नाम नहीं लिया। उसके बाद उन्होने मुझसे पूछा कि आज ही आए हो, मैने डरते डरते हाँ में सिर हिला दिया। थोड़ी देर में प्रार्थना के लिए घंटी बजी और सब लड़के प्रार्थना के लिए जाने लगे। मैं भी उनके साथ चल दिया। वहां एक अध्यापक कड़क आवाज में बोल रहा था। मुझे डर लग रहा था।

    दोपहर के विश्रामकाल में सब मध्याह्न भोजन के लिए जा रहे थे। मुझे संकोच हो रहा था। फिर एक अध्यापकजी ने मुझे भी बुलाया और दो रोटी और दाल एक प्लेट में परोसी, और मुझसे पूछा कि हाथ धोकर नहीं आए । मैने ना में सिर हिला दिया। उन्होने मुझे हाथ धोने की टंकी बताई, मैने वहां जाकर हाथ धोए, फिर खाना खाया।

   मुझे छुट्टी का बड़ा इन्तजार था। घंटी बजते ही मैं सीधा घर को भागा।

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