विद्यालय का वार्षिक उत्सव विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।(80-100)
Answers
Answer:
विद्यालय का वार्षिकोत्सव
Explanation:
वार्षिकोत्सव का शाब्दिक अर्थ है- वर्ष के अंत मे होने वाला उत्सव। सभी उत्सवो पर्वों के समान विद्यालय का भी वार्षिक उत्सव होता है। इससे हमें पता चलता है, कि हमारे विद्यालय को बने कितने साल हो गए है। अर्थात इसका पराम्भ कब से हुआ है। और वार्षिकोत्सव मनाते हुए कितना समय हो गया है।
वार्षिकोत्सव का शाब्दिक अर्थ है- वर्ष के अंत मे होने वाला उत्सव। सभी उत्सवो पर्वों के समान विद्यालय का भी वार्षिक उत्सव होता है। इससे हमें पता चलता है, कि हमारे विद्यालय को बने कितने साल हो गए है। अर्थात इसका पराम्भ कब से हुआ है। और वार्षिकोत्सव मनाते हुए कितना समय हो गया है।प्रतेक विद्यालय के वार्षिकोत्सव के समान मेरे विद्यालय का भी वार्षिकोत्सव बसंत पंचमी के शुरुआत पर संम्पन्न होता है। इस उत्सव को विधिवत सम्पन्न करने के लिए हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य ओर प्रबंधक लग जाते है। तैयारी में इसके लिए इन दोनों की देखरेख में एक माह पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती है। इसमें विद्यालय के सभी अधयापक छात्र ओर कर्मचारी अपना पूरा-पूरा योगदान देते
वार्षिकोत्सव का शाब्दिक अर्थ है- वर्ष के अंत मे होने वाला उत्सव। सभी उत्सवो पर्वों के समान विद्यालय का भी वार्षिक उत्सव होता है। इससे हमें पता चलता है, कि हमारे विद्यालय को बने कितने साल हो गए है। अर्थात इसका पराम्भ कब से हुआ है। और वार्षिकोत्सव मनाते हुए कितना समय हो गया है।प्रतेक विद्यालय के वार्षिकोत्सव के समान मेरे विद्यालय का भी वार्षिकोत्सव बसंत पंचमी के शुरुआत पर संम्पन्न होता है। इस उत्सव को विधिवत सम्पन्न करने के लिए हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य ओर प्रबंधक लग जाते है। तैयारी में इसके लिए इन दोनों की देखरेख में एक माह पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती है। इसमें विद्यालय के सभी अधयापक छात्र ओर कर्मचारी अपना पूरा-पूरा योगदान देते विद्यालय के वार्षिकोत्सव के समापन के बाद सभी अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव कर रहे थे। सभी कह रहे थे कि वार्षिकोत्सव बहुत ही अच्छे तरीके से समाप्त हो गया है।
वार्षिकोत्सव का शाब्दिक अर्थ है- वर्ष के अंत मे होने वाला उत्सव। सभी उत्सवो पर्वों के समान विद्यालय का भी वार्षिक उत्सव होता है। इससे हमें पता चलता है, कि हमारे विद्यालय को बने कितने साल हो गए है। अर्थात इसका पराम्भ कब से हुआ है। और वार्षिकोत्सव मनाते हुए कितना समय हो गया है।प्रतेक विद्यालय के वार्षिकोत्सव के समान मेरे विद्यालय का भी वार्षिकोत्सव बसंत पंचमी के शुरुआत पर संम्पन्न होता है। इस उत्सव को विधिवत सम्पन्न करने के लिए हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य ओर प्रबंधक लग जाते है। तैयारी में इसके लिए इन दोनों की देखरेख में एक माह पहले से ही तैयारी शुरू हो जाती है। इसमें विद्यालय के सभी अधयापक छात्र ओर कर्मचारी अपना पूरा-पूरा योगदान देते विद्यालय के वार्षिकोत्सव के समापन के बाद सभी अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव कर रहे थे। सभी कह रहे थे कि वार्षिकोत्सव बहुत ही अच्छे तरीके से समाप्त हो गया है।विद्यालय के वार्षिकोत्सव के समापन के दुसरे दिन सभी समाचार पत्रों में विद्यालय की प्रसंशा प्रकाशित हुई थी। इसे पढ़कर हम छात्र फुले नही समा रहे थे। यही नही हमारे परिवार वाले हमारे सगे-सम्बन्धी ओर सभी लोग विद्यालय की सराहना कर रहे थे। हमने मन ही मन इस विद्यालय का छात्र होने के लिए अपने आप को धन्य समझ रहे थे।
Explanation:
प्रस्तावना :
प्रत्येक विद्यालय में अनेक अवसरों पर मूलत: सभी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के अलावा विद्यालयों में गुरु-पूर्णिमा, बाल दिवस, शिक्षक दिवस, गांधी जयंती आदि पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, किंतु वर्ष में लगभग सत्र की समाप्ति के दौरान एक विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसे वार्षिक उत्सव कहते हैं
वार्षिकोत्सव किसलिए :
विद्यालयों में मनाए जाने वाले वार्षिकोत्सव के कई प्रयोजन माने गए है। अपनी शिक्षा पूरी कर चुके छात्रों को प्रमाण-पत्र आदि देकर विदा करना तो हर विद्यालय का प्रायोजन होता है। इसके अलावा वर्ष भर का लेखा-जोखा व उपलब्धियों पर सामूहिक समारोह करना भी होता है। इन सब के साथ वार्षिकोत्सव के अवसर पर विशेष रूचि तथा कलात्मक प्रतिभा रखने वालों को भी अपनी कलाएं और रूचियां प्रदर्शित करने का अवसर भी प्राप्त होता है। इस बहाने बच्चों के अभिभावक भी विद्यालय आकर बच्चों की प्रगति देख सकते हैं।
वार्षिकोत्सव की तैयारी :
हर विद्यालय का वार्षिकोत्सव मनाने का समय और दिनांक निश्चित रहती है। जब वार्षिकोत्सव का समय पास आ जाता है तो लगभग एक माह पूर्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं को इसमें भाग लेना होता है। यह कार्यक्रम अध्यापकों की देखरेख में किया जाता है। इन सभी कार्यक्रमों के चलते भी विद्यालय अपनी नियमित कक्षाओं में बाधा नहीं पड़ने देता है।
कैसे मनाया जाता है :
विद्यालय का वार्षिकोत्सव हर वर्ष बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन की अध्यक्षता के लिए विद्यालय के प्राचार्य तथा शिक्षा जगत से जुड़ी कई विद्वान हस्तियों को बुलाया जाता है। उत्सव के स्थल को बड़ी ही तन्मयता से सभी छात्र-छात्राएं सजाते हैं। नाटक, नृत्य, निबंध, वाद-विवाद, रंगोली, कविता, चित्रकला, पोस्टर प्रतियोगिता, स्लोगन आदि कई दिलचस्प और रचनात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इसके बाद छोटे-छोटे दलों में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते है।