Hindi, asked by surajjaiswal27236, 5 hours ago

१.विद्यालय में आयोजन के दौरान शून्य प्लास्टिक अपशिष्ट पर नवाचार

500 to 800 wards ​

Answers

Answered by puransahu
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Explanation:

आओ भविष्य को प्लास्टिक अपशिष्ट मुक्त बनाए "

प्रस्तावना

दोस्तों, आज भारत में प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। आज प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण मानव जाति की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। आज हर इन्सान अपने जीवन में किसी ना किसी रूप में प्लास्टिक का उपयोग कर रहा है। मगर यही प्लास्टिक हमारी धरती और पर्यावरण के लिए नासूर बन गया है।

तो लगातार बढते प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने की जरूरत है। दोस्तों, अगर प्लास्टिक को खत्म करना है तो सबसे जरूरी है प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना।

कहते हैं कि बच्चे देश का भविष्य है अगर वो सही पथ पर चलेंगे तो देश हमेशा विकास की ओर बढेगा। तो ऐसे में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना है तो सबसे जरूरी है कि बच्चों को प्लास्टिक प्रदूषण के नुकसान से अवगत कराना। साथ ही अगर बच्चे प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रति जागरूक होगे तो उसका सीधा असर उनके अभिभावकों की मानसिकता पर भी पडेगा। आज विधालयों में काफी प्रेरणादायक गतिविधियां आयोजित की जाती है। तो विधालयों में आयोजन के दौरान नवाचार तरीकों से शून्य प्लास्टिक कचरे के प्रति भी जागरूकता फैलाई जा सकती है।

शून्य प्लास्टिक अपशिष्ट पर ज्ञानवर्धक वीडियो दिखाना

दोस्तों, शून्य प्लास्टिक कचरे के प्रति जागरूकता फैलाने का सबसे पहला कदम है शिक्षा देना। अगर छात्रों को प्लास्टिक कचरे के दुष्प्रभावों से जुड़ी ज्ञानवर्धक वीडियो दिखाई जाए, उसमे प्लास्टिक अपशिष्ट के मुद्दों से अवगत कराया जाए, प्लास्टिक के पुनः उपयोग और रीसाइकल के बारें में बताए तो अवश्य ही ये तरीका छात्रों को प्लास्टिक अपशिष्ट ना फैलाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

स्कूल, पार्क की सफाई का आयोजन

दोस्तों, प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे से जुड़ने का एक सबसे अच्छा तरीका है खुद समस्या से जुड़कर हालातों का पता लगाना। तो विधालयों में एक दिन के लिए स्कूल, कक्षा और पार्क के लिए सफाई कार्यक्रम का आयोजन करे। इससे छात्रों को स्वयं पता चलेगा कि जिस प्लास्टिक को वो रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल कर रहे हैं वो प्रकृति को कैसे नुकसान पहुंचा रहा है। यह सफाई कार्यक्रम छात्रों में जागरूकता फैलाएगा कि हमें कभी भी प्लास्टिक को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए। हमारे पर्यावरण की स्वच्छता बरकरार रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।

पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिता

दोस्तों, स्कूलों में शून्य प्लास्टिक अपशिष्ट पर पोस्टर या पेंटिंग प्रतियोगिता भी बहुत ही उत्तम नवाचार है। इस प्रतियोगिता में छात्रों को प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना क्यों जरूरी है या प्लास्टिक की जगह और क्या प्रयोग कर सकते हैं जैसे विषय पर पोस्टर या पेंटिंग बनाने के लिए कहे। इस गतिविधि से छात्र प्लास्टिक अपशिष्ट के बारें में ज्यादा जान पाएंगे। ऐसा करने से छात्र प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करने के लिए खुद भी प्रेरित होंगे और आस-पास के लोगों को भी प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने के लिए प्रेरित करेंगे।

प्लास्टिक को कहे ना- जागरूकता अभियान

दोस्तों, आज प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है। तो ऐसे में विधालयों में प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रति जागरूकता अभियान का आयोजन भी उत्तम नवाचार है। इस अभियान में सभी छात्रों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से अवगत कराएं। छात्रों को प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करने के लिए प्रेरित करे। इस अभियान का एक नारा भी रखे ।

"अगर छात्र कहेंगे प्लास्टिक को ना,

तो अवश्य ही स्वच्छ रहेगा हमारा जहां"

निष्कर्ष

अतः में मैं इतना ही कहना चाहूँगी कि यकीनन प्लास्टिक आज हमारी जिदंगी का अहम हिस्सा है मगर पर्यावरण पर होते इसके नुकसान नजरअंदाज करने योग्य नहीं है। तो ऐसे में आईए हर संभव प्रयास करके प्लास्टिक अपशिष्ट को खत्म करने में अपनी जिम्मेदारी निभाए। आईये शपथ ले कि आज से प्लास्टिक से बनी कोई भी एक चीज हमेशा के लिए प्रयोग नहीं करेंगे। हमारी एक छोटी सी कोशिश हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रहने में अहम भूमिका निभा सकती है।

"आज अगर प्लास्टिक को मिटाएंगे,

तभी कल स्वच्छ और खुशहाल देश पाएगें"

Answered by virudhaka1988
2

Answer:

प्रस्तावना

दोस्तों, आज भारत में प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। आज प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण मानव जाति की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। आज हर इन्सान अपने जीवन में किसी ना किसी रूप में प्लास्टिक का उपयोग कर रहा है। मगर यही प्लास्टिक हमारी धरती और पर्यावरण के लिए नासूर बन गया है।

तो लगातार बढते प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने की जरूरत है। दोस्तों, अगर प्लास्टिक को खत्म करना है तो सबसे जरूरी है प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना।

कहते हैं कि बच्चे देश का भविष्य है अगर वो सही पथ पर चलेंगे तो देश हमेशा विकास की ओर बढेगा। तो ऐसे में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना है तो सबसे जरूरी है कि बच्चों को प्लास्टिक प्रदूषण के नुकसान से अवगत कराना। साथ ही अगर बच्चे प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रति जागरूक होगे तो उसका सीधा असर उनके अभिभावकों की मानसिकता पर भी पडेगा। आज विधालयों में काफी प्रेरणादायक गतिविधियां आयोजित की जाती है। तो विधालयों में आयोजन के दौरान नवाचार तरीकों से शून्य प्लास्टिक कचरे के प्रति भी जागरूकता फैलाई जा सकती है।

शून्य प्लास्टिक अपशिष्ट पर ज्ञानवर्धक वीडियो दिखाना

दोस्तों, शून्य प्लास्टिक कचरे के प्रति जागरूकता फैलाने का सबसे पहला कदम है शिक्षा देना। अगर छात्रों को प्लास्टिक कचरे के दुष्प्रभावों से जुड़ी ज्ञानवर्धक वीडियो दिखाई जाए, उसमे प्लास्टिक अपशिष्ट के मुद्दों से अवगत कराया जाए, प्लास्टिक के पुनः उपयोग और रीसाइकल के बारें में बताए तो अवश्य ही ये तरीका छात्रों को प्लास्टिक अपशिष्ट ना फैलाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

स्कूल, पार्क की सफाई का आयोजन

दोस्तों, प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे से जुड़ने का एक सबसे अच्छा तरीका है खुद समस्या से जुड़कर हालातों का पता लगाना। तो विधालयों में एक दिन के लिए स्कूल, कक्षा और पार्क के लिए सफाई कार्यक्रम का आयोजन करे। इससे छात्रों को स्वयं पता चलेगा कि जिस प्लास्टिक को वो रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल कर रहे हैं वो प्रकृति को कैसे नुकसान पहुंचा रहा है। यह सफाई कार्यक्रम छात्रों में जागरूकता फैलाएगा कि हमें कभी भी प्लास्टिक को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए। हमारे पर्यावरण की स्वच्छता बरकरार रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।

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