Hindi, asked by saniyasreejarg, 6 months ago

विद्यालय में अनुशासन की आवश्यकता पर छोटे भाई को पत्र ​

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Answered by saloni8950
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Answered by rinasingh1983
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प्रिय राजेश ,

सदा प्रसन्न रखो .कल मुझे तुम्हारे प्रधानाचार्य जी का पत्र प्राप्त हुआ .मुझे यह जानकार बहुत दुःख हुआ कि तुम विद्यालय नियमित रूप से नहीं जा रहे हो .घर से रोज़ नियमित समय पर विद्यालय के लिए निकलते हो ,लेकिन अपने आवारा मित्रों के साथ घूमने निकल जाते हो और कक्षा में नहीं जाते हो .जिस विद्यालय जाते भी हो उस दिन ब्रेक के बाद विद्यालय से भाग जाते हो .इसी कारण विद्यालय में तुम्हारी उपस्थिति जितनी आवश्यक है ,उससे बहुत ही कम हो रही हैं .
तुम घर पर माता - पिता जी से झूठ बोलते हो .अपने विद्यालय में झूठ बोल कर छुट्टी का बहाना बनाते हूँ .इससे सिर्फ तुम्हारा ही नुकसान हो रहा है .विद्यालीय जीवन ,जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय है ,इसमें यदि तुम अपना समय बर्बाद करोगे तो तुम्हारा भविष्य ख़राब होगा और भविष्य में तुम पछताओगे .अपनी संगती पर ध्यान दो ,जिसके कारण तुम्हे विद्यालय अच्छा नहीं लगा ,बल्कि आवारागर्दी करना ज्यादा अच्छा लगता है .कक्षा में पढ़ने वाले और ईमानदार छात्रों को अपना मित्र बनाओ .जिससे तुम्हे पढने में रूचि उत्पन्न हो .


माता - पिता जी को तुमसे आशाएँ हैं कि तुम पढ़ लिख कर जीवन में कुछ बनोगे .इसीलिए तुम कुसंगति छोड़ कर पढ़ाई पर ध्यान लगाओ और नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित हो .

तुम्हारा अग्रज
रजनीश सिंह
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