विद्यालयों में बढती अनुशाशनहिंता को लेकर प्रधानाचार्य और अध्यापक के मध्य वार्तालाब पर संवाद लिखे
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Explanation:
प्रिंसिपल: सभी शिक्षक अनुशासन पर इतना जोर क्यों देते हैं?
शिक्षक: अनुशासन वह आधार है जिस पर हम सफलता की फसल बोते हैं! अनुशासन के बिना कुछ भी पूरा नहीं किया जा सकता है।
प्रधानाचार्य: यदि यह इतना महत्वपूर्ण है तो अधिकांश छात्र अनुशासन को अनदेखा क्यों करते हैं और उन चीजों को करना चाहिए जो उन्हें नहीं करनी चाहिए?
शिक्षक: यह अनुभवहीनता के कारण है! इसके अलावा, वे नहीं जानते कि उनके प्रलोभनों को कैसे नियंत्रित किया जाए। वे उन्हें अनुशासनहीनता के लिए उकसाते हैं।
प्रिंसिपल: एक छात्र के जीवन में अनुशासन इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
शिक्षक: किसी छात्र के लिए अनुशासन पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी छात्र शैक्षणिक प्रतिभा हासिल नहीं कर सकता है। केवल एक अनुशासित छात्र ही शिक्षा की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा। केवल एक अनुशासित छात्र ही अपने समय का बेहतर प्रबंधन कर सकता है। वह अपने खाली समय का उपयोग पढ़ाई में ही करता है, जिससे वह अपने विषयों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी शानदार हो सके।
प्रिंसिपल: ओह मैं देख रहा हूँ! हम छात्रों को अनुशासन में रहने के लिए कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं?
शिक्षक: अनुशासन के मूल्य के बारे में लगातार याद दिलाकर। हमें उन्हें बताते रहना चाहिए कि अनुशासनहीनता उन्हें एक भयानक दुःस्वप्न की तरह सताती रहेगी। जल्द ही उन्हें अपने अनुशासनहीन कर्मों की खराब फसलों को भी काटना होगा। यह उन्हें अनुशासित होने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रिंसिपल: आपके बहुमूल्य समय और ज्ञान के शब्दों के लिए धन्यवाद।
Answer:विद्यालय में अनुशासनहीनता को ख़त्म करना प्रधानाचार्य और शिक्षकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उनके बीच संवाद होते रहना भी बहुत जरुरी है।
Explanation:
ऐसे ही संवाद का एक अंश:
प्रधानाचार्य: नमस्ते श्रीमान, आपका स्वागत है। हम आजकल अनुशासनहीनता के मामलों में विद्यालयों में बहुत ज्यादा तनाव देख रहे हैं। इसके बारे में आपकी क्या राय है?
अध्यापक: नमस्ते सर, विद्यालय में अनुशासनहीनता की समस्या बहुत हो रही है। कुछ छात्र विद्यालय के नियमों और विनियमों का उल्लंघन करते हैं और अधिकतर शिक्षक इन छात्रों के लिए अधिकतम समय देते हैं। इसके चलते अन्य छात्रों का समय भी नुकसान होता है।
प्रधानाचार्य: हमें यह समस्या जल्द से जल्द हल करनी चाहिए। आपको लगता है कि विद्यालय में इस समस्या के लिए क्या किया जा सकता है?
अध्यापक: सर, हमें छात्रों को नियमों और विनियमों के बारे में बेहतर तरीके से शिक्षित करने की जरूरत है। विद्यार्थियों को उनके कैरियर एवं उनकी भविष्य की चिंता होनी चाहिए जो उन्हें समय पर प्रशिक्षित करती है। संशोधित नियम बनाना और उनके पालन में खिलाफ कार्रवाई करना बहुत आवश्यक ह।
प्रधानाचार्य : क्या हमें छात्रों को दंड देने के नियमों पर भी विचार करना चाहिए ?
शिक्षक: जी श्रीमान। पर हमें शारीरिक दंड न देकर कुछ ऐसे दंड की व्यवस्था करनी पड़ेगी जो उनके सर्वांगीण विकास को बढ़ावा दे।
To know more about उल्लंघन :
https://brainly.in/question/19575073
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