Hindi, asked by sayadmahammadsahil78, 5 hours ago

विद्यालयों में विद्यार्थियों के सतत और व्यापक मूल्यांकन की प्रक्रिया लागू हो गई हैं। इससे पाठ्य पुस्तकों का बोड़ा और परीक्षा का तनाव कम करने का सरकार का मकसद किसी हद तक पूरा हो गया है। इस प्रक्रिया को अपनाने का प्रस्ताव राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद का था। पहले लिखित और प्रायोगिक परीक्षाओं के आधार पर मूल्यांकन का प्रावधान था। जबकि विद्यालय में रहते हुए विदयार्थी की सक्रियता पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं होती। खेलकूद, संगीत, भाषण, वाद-विवाद जैसी अनेक रचनात्मक गतिविधियों में भी शरीक होता है। उनका पाठ्यक्रम से सीधे-सीधे संबंध भले ही ना हो पर यह विद्यार्थीि के सीखने-समझने की प्रक्रिया का हिस्सा होती है। इसलिए इस बात की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है कि विद्यार्थी का समग्र मूल्यांकन होना चाहिए। लिखित और प्रायोगिक परीक्षा के आधार पर सिर्फ पाठगत ज्ञान और बोध को जांचा-परखा जा सकता है। प्रो० यशपाल भी विद्यार्थी के समग्र मूल्यांकन के पक्षधर रहे हैं। एनसीईआर की नई पाठ्यचर्चा की रुपरेखा तैयार करने के लिए अध्यक्षता में सीमिति का गठन किया गया तभी उन्होंने सतत और व्यापक मूल्यांकन की पद्धति अपनाने का सुझाव दिया था। अब यह विद्यालयों की जिम्मेदारी होगी कि वे विद्यार्थियों की शैक्षिक योगिता के साथ ही उनकी दूसरी गतिविधियों को भी आके। इसके लिए सौ में से बीस अंक निर्धारित किए गए हैं। इन्हें विद्यार्थी के वार्षिक और बोर्ड परीक्षाओं में प्राप्त अंकों में जोड़ा जाएगा | इस पद्धति के लागू होने से जहां विद्यार्थियों में पाठ्यक्रम से अलग स्कूली गतिविधियों में हिस्सा लेने का उत्साह बढ़ेगा वहीं अध्यापक भी इनके प्रति अधिक जिम्मेदारी महसूस करेंगे

उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनिए (क) विद्यालयों में सतत और व्यापक मूल्यांकन की प्रक्रिया लागू करने का सरकारी मकसद क्या था?

(i) पाठ्यपुस्तकों का बोझ कम करना (ii) परीक्षा का तनाव कम करनाउपयुक्त दोनों

(iv) बच्चों तथा शिक्षकों को आराम देना

(ख) सतत और व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया बनाने का प्रस्ताव किसका था?

(i) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का

(i) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् का

(i) शिक्षा मंत्रालय का

(iv) विद्यालय शिक्षक संघ का

(ग) एनसीईआरटी की नई पाठ्यचर्चा तैयार करने के लिए गठित आयोग का अध्यक्ष कौन था?

(1) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव

(ii) मंत्री कपिल सिब्बल

(ii) शिक्षाविद् प्रो० यशपाल

(iv) डॉ० नामवर सिंह

(घ) सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की पद्धति लागू होने से पहले विद्यार्थियों के मूल्यांकन का क्या आधार

(i) लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षा

(ii) साक्षात्कार

(iii) साक्षात्कार एवं लिखित परीक्षा

(iv) उपरोक्त सभी

(ड) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक निम्नलिखित में से कौन-सा होगा?

(i) मूल्यांकन का दायरा

(i) मूल्यांकन पद्धति

(ii) मूल्यांकन का सच

(iv) सतत एवं व्यापक मूल्यांकन पद्धति







please say the answer any one I will mark as brain lost​

Answers

Answered by sanjaygraak236
0

answer: I don't know answer of this question but I think you want ask with teachers and friends online if they also don't know the answer do you can discuss with your parents

I think it help you thank you please mark me as brainliest answer please tap on it

Answered by vk909347
0

Answer:

(I)Pariiksha ka tanav kam karna

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