Hindi, asked by shatakshisrivastava7, 8 months ago

विद्यालय में योग-शिक्षा का महत्त्व बताते हुए किसी शिक्षा निर्देशक-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए।​

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Answered by tanujirlapati
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Answer:

आइये जानते हैं विद्यार्थियों में योग शिक्षा का महत्व क्या है (vidyarthiyon ke liye yog shiksha ka kya mahatva hai)। जिस तरह शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है ठीक उसी तरह योग के बिना अच्छे स्वास्थ्य की कल्पना भी बेकार है। वैज्ञानिक अविष्कारों के इस युग में शरीर को फिट रखने के लिए असंख्य संसाधन मौजूद है लेकिन क्या यह साधन सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध है, नहीं!! क्योंकि यह विलास सामग्री हैं जिसका आनंद कुछ लोग ही ले पाते हैं।

 

लेकिन योग सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध है, इसमें किसी भी तरह का कोई खर्चा नहीं है। योग का आनंद और स्वास्थ्य लाभ सभी व्यक्ति समान रूप से उठा सकते है बस जरूरत है सही तरह से योग को सीखने की।

विलासिता के सभी साधन होते हुए भी लोग स्वस्थ जीवन को नहीं जी पा रहे जिसका बहुत बड़ा कारण हमारी जीवनशैली और हमारी मानसिकता भी है। स्वस्थ जीवन को अपनाने के लिए योग का संपूर्ण ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि अधूरा ज्ञान कभी भी हितकर नहीं होता।

शारीरिक, मानसिक या आध्यात्मिक संस्कृति के रूप में योगासनों का इतिहास समय की अनंत गहराइयो में छिपा हुआ है। योगाभ्‍यास केवल वयस्‍कों के लिए ही नही बल्कि टीनएजर और बच्‍चों के लिए भी है।

विद्यार्थियों के लिए योग बहुत ही लाभदायक माना गया है इससे बच्चों के मन-मस्तिष्क में स्थिरता आती है। बच्चों को अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में भी सहायता मिलती है। योग के चमत्कार को तो पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है इसी वजह से दुनिया के अधिकांश देशों में योग शिक्षा को अनिवार्य किया गया है।

 

योग के प्रभाव को देखते हुए आज चिकित्सक एवं वैज्ञानिक योग के अभ्यास की सलाह देते हैं। योग साधु-संतो के लिए ही नहीं है समस्त मानव जाती के लिए आवश्यक है। विशेषकर छात्र जीवन के लिए तो बहुत ही आवश्यक है।

योग सभी को समान लाभ देता है इसलिए योग का अभ्यास तो सभी को करना चाहिए। इस लेख से हम आपको यह बताना चाहते है की विद्यार्थियों के लिए योग शिक्षा क्‍यों जरूरी है।

विद्यार्थियों में योग शिक्षा का महत्व (vidyarthiyon ke liye yog shiksha ka kya mahatva hai)

1. छात्रों के लिए जरूरी है योग – योग शिक्षा जितनी कम उम्र से ली जाये, उतना ही शरीर को ज्यादा लाभ मिलता है। बच्चों का शरीर बड़ों की तुलना में ज्यादा लचकदार होता है। इसलिए बच्चे चीजों को जल्दी और आसानी से सिख जाते हैं। स्वास्थ्य सहलाकार योग की सलाह देते रहते है लेकिन समय रहते अनुसरण ना किया जाए तो बाद में बच्चे सुनते नहीं हैं।

आज की तुलना में पहले के बच्चों के पास घर से बाहर खेलने के कई मौके होते थे। लेकिन आज के बच्चे गैजेट्स के अलावा और कही अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। जिस कारण बच्चों में शिक्षा के प्रति भी उदासीनता देखी जा रही है जिसका मूल कारण है तन-मन का अस्वस्थ होना।

स्वस्थ शरीर में स्वस्थ शिक्षा का निवास सम्भव है और यह काम योग से संभव है। योग से शरीर को रोगों से मुक्ति मिलती है और मन को शक्ति देता है। योग बच्चों के मन-मस्तिष्क को उसके कार्य के प्रति जागरूक करता है।

2. दृढ़ता एवं एकाग्रता को बढ़ाता है योग – जिन विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति अरुचि या मन ना लगना जैसी समस्या होती है। उन विद्यार्थियों के लिए योगक्रिया चमत्कार जैसा काम करती है। सुबह के वक्त योग करने से विद्यार्थियों में एकाग्रता और दृढ़ता बेहतर होती है।

 

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