विद्या और अविद्या से आप क्या समझते हैं ?
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Gini Uni
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महर्षि दयानंद सरस्वती के अनुसार जिससे पदार्थो के यथार्थ स्वरूप का ज्ञान हो उसे विद्या कहते हैं। अविद्या का अर्थ पारिभाषिक और यौगिक दो प्रकार से किया जा सकता है। दर्शनों में प्राय: पारिभाषिक अर्थ 'अज्ञान' या मिथ्याज्ञान लिया जाता है। 'अविद्या' का यौगिक अर्थ है विद्या से भिन्न ज्ञान जो यथार्थ ज्ञान नहीं है।
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vidhya ka arth kisi bhi wastu ka yatharth arthaat thik-thik gyaan hai . vastavikta ke wiprit gyaan ko avidya kahate hain
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