Hindi, asked by tarasingh11071996, 7 months ago

विद्यार्थी जीवन को मानव जीवन की रीढ़ की हड्डी कहें तो कोई
अतिशयोक्ति नहीं होगी। विद्यार्थी काल में बालक में जो संस्कार पड़ जाते है, जीवन
भर वहीं संस्कार अमिट रहते हैं। इसलिए यही काल आधारशिला कहा गया है। यदि
नींव दृढ़ बन जाती है तो जीवन सृदृढ़ और सुखी बन जाता है। यदि इस काल में
बालक कष्ट सहन कर लेता है, तो उसका स्वास्थ्य सुंदर बनता है। यदि मन
लगाकर अध्ययन कर लेता है, तो उसे ज्ञान मिलता है। उसका मानसिक विकास
होता है। जिस वृक्ष को प्रारंभ से सुंदर सिंचन और स्वाद मिल जाती है, वह पुष्पित
एवं पल्लवित होकर संसार को सौरभ देने लगता है। इसी प्रकार विद्यार्थी काल में,
जो बालक श्रम, अनुशासन, समय एवं नियमन के सांचे में ढल जाता है, वह आदर्श
विद्यार्थी बनकर सभ्य नागरिक बन जाता है। सभ्य नागरिक के लिए जिन-जिन गुणों
की आवश्यकता है, उन गुणों के लिए विद्यार्थी काल ही तो सुंदर पाठशाला है। यहां
पर अपने साथियों के बीच रहकर, वे सभी गुण का आ जाना आवश्यक है, जिनकी
विद्यार्थी को अपने जीवन में आवश्यता होती है।
HRE
प्रश्न 1जीवन की आधारशिला किस काल को कहा जाता है?
प्रश्न 2 गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए?
प्रश्न 3 मानव जीवन के लिए विद्यार्थी जीवन का महत्व स्पष्ट कीजिए?
प्रश्न 4 छोटे वृक्ष के पोषण का उल्लेख किस संदर्भ में किया गया है और क्यों?
प्रश्न 5 विद्यार्थी जीवन की तुलना पाठशाला से क्यों की गई है?
म​

Answers

Answered by nayakgaurav467
2

Answer:

(1)jivan ki aadar silta vidhdharthi kal ko kahte hai

(2)vidhdhathi jivan ka mahtv

(3)manv ke vidhdharti jivan bahut hi mahtv purn n jab vidhdharthi shiksha ke pahle charan me jata hai to waha se uske gyan prapt karne ki suruaat hoti hai waha se aage badte huye vah sampurn gyan prapt kar Leta hai aur uska prayog aage ki jindagi me karta hai aur safalta prapt karta hai

Answered by leenaanandraj594
0

Answer:

मानव जीवन के लिए विद्यार्थी जीवन का महत्व स्पष्ट कीजिए

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