विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व के बारे में 180 शब्दों में लिखिए
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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन
' अनु ' का अर्थ है ' पालन ' और ' शासन ' का अर्थ है ' नियम ' | इन दोनों के मेल से जन्म लेनेवाले शब्द है ' अनुशासन ' जिसका अर्थ है नियमों का पालन करना |
विद्यार्थी हमेशा ज्ञान का इछुक है | इस के साथ उसे एक अच्छा नागरिक बनना भी चाहिए | इस केलिए अनुशासन आवश्यक है |
एक विद्यार्थी को अनुशासित होने केलिए चरित्र निर्माण ज़रूरत है | समय का पालन हमें अनुशासित बनाता है | हमें सदा सच्चाई का साथ देना चाहिए | बुजूर्ग के आदर करने के बिना हम अनुशासित नहीं हो सकते | परोपकार अनुशासित लोगों का गुण है |
देश के अच्छे भविष्य केलिए अनुशासन अवश्य है | नियमों का पालन करके हम नागरिक लोग बन सकते हैं | इसलिये हमें यह निर्णय लेना चाहिए कि हम अनुशासित बने रहेंगे !
' अनु ' का अर्थ है ' पालन ' और ' शासन ' का अर्थ है ' नियम ' | इन दोनों के मेल से जन्म लेनेवाले शब्द है ' अनुशासन ' जिसका अर्थ है नियमों का पालन करना |
विद्यार्थी हमेशा ज्ञान का इछुक है | इस के साथ उसे एक अच्छा नागरिक बनना भी चाहिए | इस केलिए अनुशासन आवश्यक है |
एक विद्यार्थी को अनुशासित होने केलिए चरित्र निर्माण ज़रूरत है | समय का पालन हमें अनुशासित बनाता है | हमें सदा सच्चाई का साथ देना चाहिए | बुजूर्ग के आदर करने के बिना हम अनुशासित नहीं हो सकते | परोपकार अनुशासित लोगों का गुण है |
देश के अच्छे भविष्य केलिए अनुशासन अवश्य है | नियमों का पालन करके हम नागरिक लोग बन सकते हैं | इसलिये हमें यह निर्णय लेना चाहिए कि हम अनुशासित बने रहेंगे !
SARDARshubham:
Too many mistakes !!!
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अनुशासन राष्ट्रीय जीवन के लिए बेहद जरूरी है। यदि प्रशासन, स्कूल, समाज,परिवार सभी जगह सब लोग अनुशासन में रहेंगे और अपने कर्त्तव्य का पालन करेंगे, अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे तो कहीं किसी प्रकार की गड़बड़ी या अशांति नहीं होगी। नियम तोड़ने से ही अनुशासनहीनता बढ़ती है तथा समाज में अव्यवस्था पैदा होती है। बड़े होकर अनुशासन सीखना कठिन है।
अनुशासन का पाठ बचपन से परिवार में रहकर सीखा जाता है। विद्यालय जाकर अनुशासन की भावना का विकास होता है। अच्छी शिक्षा विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है। सच्चा अनुशासन ही मनुष्य को पशु से ऊपर उठाकर वास्तव में मानव बनता है। भय से अनुशासन का पालन करना सच्चा अनुशासन नहीं है और ना ही अनुशासन पराधीनता है। यह सामाजिक तथा राष्ट्रीय आवश्यकता है।
देश में व्याप्त तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को अनुशासनप्रिय होना चाहिए।
अनुशासनप्रिय होने के लिए हमें स्वप्रेरणा के आधार पर कार्य करना होगा।
देश में व्याप्त तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को अनुशासनप्रिय होना चाहिए।
अनुशासनप्रिय होने के लिए हमें स्वप्रेरणा के आधार पर कार्य करना होगा।
अनुशासन से अभिप्राय नियम, सिद्धान्त तथा आदेशों का पालन करना है। जीवन को आदर्श तरीके से जीने के लिए अनुशासन में रहना आवश्यक है। अनुशासन का अर्थ है, खुद को वश में रखना।
अनुशासन के बिना व्यक्ति पशु के समान है। विद्यार्थी का जीवन अनुशासित व्यक्ति का जीवन कहलाता है। विद्यार्थी को विद्यालय के नियमों पर चलना होता है। शिक्षक का आदेश मानना पड़ता है। ऐसा करने पर वह योग्य, चरित्रवान व आदर्श नागरिक कहलाता है।
विद्यार्थी जीवन में ही बच्चों में शारीरिक एवं मानसिक गुणों का विकास होता है अत: उसका भविष्य सुखमय बनाने के लिए अनुशासन में रहना जरूरी है। किसी काम को व्यवस्था के साथ-साथ अनुशासित होकर करते हैं तो उस कार्य को करने में कोई परेशानी नहीं होती। इसके अलावा कार्य करते समय भय, शंका एवं गलती होने का डर नहीं होता है। इसलिए सफलता प्राप्त करने के लिए अनुशासन में रहना जरूरी है।
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