Hindi, asked by ranjandevirajwara55, 2 months ago

विद्यार्थी जीवन और अनुशासन हिंदी में निबंध​

Answers

Answered by saranshinandanwar
3

Answer:

विद्यार्थी देश का भविष्य हैं। देश के प्रत्येक प्रकार का विकास विद्यार्थियों पर ही निर्भर है। विद्यार्थी जाति, समाज और देश का निर्माता होता है, अत: विद्यार्थी का चरित्र उत्तम होना बहुत आवश्यक है।

उत्तम चरित्र अनुशासन से हा बनता है। अनुशासन जीवन का प्रमुख अंग और विद्यार्थी-जीवन की आधारशिला है। व्यवस्थित जीवन व्यतीत करने के लिए मात्र विद्यार्थी ही नहीं प्रत्येक मनुष्य के लिए अनुशासित होना अति आवश्यक है।अनुशासनहीन विद्यार्थी व्यवस्थित नहीं रह सकता और न ही उत्तम शिक्षा ग्रहण कर सकता है। आज विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता की शिकायत सामान्य-सी बात हो गयी है।

इससे शिक्षा-जगत् ही नहीं, अपितु सारा समाज प्रभावित हुआ है और निरन्तर होता ही जा रहा है। अतः इस समस्या के सभी पक्षों पर विचार करना उचित होगा।विद्यार्थी’ का अर्थ है- विद्या का अर्थी’ अर्थात् विद्या प्राप्त करने की कामना करने वाला।

विद्या लौकिक या सांसारिक जीवन की सफलता का मूल आधार है, जो गुरुकृपा से प्राप्त होती है। इससे विद्यार्थी-जीवन के महत्त्व का भी पता चलता है, क्योंकि यही वह समय है, जब मनुष्य अपने समस्त भावी जीवन की सफलता की आधारशिला रखता है।यदि यह काल व्यर्थ चला जाये तो सारा जीवन नष्ट हो जाता है। संसार में विद्या सर्वाधिक मूल्यवान् वस्तु है, जिस पर मनुष्य के भावी जीवन का सम्पूर्ण विकास तथा सम्पूर्ण उन्नति निर्भर करती है।

इसी कारण महाकवि भर्तृहरि विद्या की प्रशंसा करते हुए कहते हैं- “विद्या ही मनुष्य का श्रेष्ठ स्वरूप है, विद्या भली-भाँति छिपाया हुआ धन है (जिसे दूसरा चुरा नहीं सकता)।

विद्या ही सांसारिक भोगों को, यश और सुख को देने वाली है, विद्या गुरुओं की भी गुरु है।

विदेश जाने पर विद्या ही बन्धु के सदृश सहायता करती है। विद्या ही श्रेष्ठ देवता है । राजदरबार में विद्या ही आदर दिलाती है, धन नहीं; अत: जिसमें विद्या नहीं, वह निरा पशु है।”

Similar questions