विद्यार्थी के तीन अर्थ होते हैं । विद्या का अर्थ ग्रहण करने । वाला , विद्या का उपार्जन करनेवाला और विद्या ही जिसका ' अर्थ ' है वह । अर्थात पहले विद्या को समझा जाता है , बाद में उसको ग्रहण । किया जाता है । तब वही विद्या जीवन की पूँजी बनती है । तात्पर्य , । विद्यार्थी अपने इस विद्यार्थीकाल में अपने जीवन की पूँजी जमा । | करता है , पूर्ण विद्या , ज्ञान , कला एवं कौशल से बनती है । ज्ञान यानी विज्ञान और तत्वज्ञान को जानना । कला में लिखना , पढ़ना , संगीत , नृत्य , चित्र आदि सभी कलाएँ आती हैं । कौशल के अंतर्गत । जीवनोपयोगी धनोपार्जन के उद्योग होते हैं । पूर्ण विद्या का संपादन पूर्ण जीवन की तैयारी है । कौशल से धनोपार्जन होता है किंतु सिर्फ धन से जीवन सुखी नहीं बनता । केवल कलाएँ भी जीवन को सुखी नहीं बना सकती और न केवल ज्ञान पर आदमी जिंदा रह सकता है । तात्पर्य ज्ञान , बौद्धिक सुख , कला से मानसिक सुख और कौशल से सांपत्तिक सुख प्राप्त होता हैं । पूर्ण विद्या से तीनों प्रकार का सुख मिलता है । जो जीवनभर विद्यार्थी होते हैं , वे अपने जीवन में कभी भी असफल नहीं होते , बल्कि नरश्रेष्ठ बनते हैं ।
Answers
Answered by
0
Explanation:
You are right.
Isliye hame life time students rehna chahiye
Answered by
0
Answer:
nokskdkkdksoe ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਇਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਵੱਡੀ ਗਿਣਤੀ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਦੇ ਜੇਤੂ ਰਹੇ ਹਨ ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਕੋਲੋਂ ਸਿੱਖਣ ਦਾ ਕੋਈ ਸਾਨੀ ਹੀ ਸੀ ਕਿ ਮੈਂ ਉਹ ਗੱਲ ਤਾਂ ਛੱਡੋ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਪਾਤਸ਼ਾਹ ਦਾ ਸ਼ਹੀਦੀ ਦਿਨ ਦਾ ਖੇਡ ਦਾ ਸ਼ਹੀਦੀ ਦਿਵਸ ਦੇ ਰੂਪ ਹੈ ਅਤੇ ਨਾ ਦਿਆਲੂ
Similar questions