विद्यार्थी की यात्रा का वर्णन करते हुए अनुच्छेद लिखिए कि वे इस यात्रा पर कैसे गए और क्या किया तैयारी की।
Answers
Answer:
मानव स्वभाव सृष्टि के उद्गम से ही घुमंतु रहा है। मानव ने एक से दूसरे स्थान तक की अनेक यात्राएं की हैं। उसका जिज्ञासु मन उसे एक से दूसरे स्थान तक ले जाता रहा है। लकड़ी के पहिए का आविष्कार होने के बाद वह थोड़ा गतिशील हुआ। उसे एक से दूसरे स्थान पर जाने में अधिक सुविधा हुई। वह पहले की अपेक्षा अधिक दूरी तय करने लगा। हालांकि पहले का मानव जीविकोपार्जन के लिए एक से दूसरे स्थान की ओर जाया करता था। उसका प्रमुख उद्देश्य पेट भरना था। भारतीय प्राच्य ग्रंथों में मानव के विकास, सुख और शांति की संतुष्टि व ज्ञान के लिए पर्यटन को अति आवश्यक माना गया है।
समय का परिवर्तन :
धीरे-धीरे समय बदला। पहले लकड़ी, फिर लोहे व बाद में टायर-ट्यूब के आविष्कार ने इंसान की यात्रा को सुगम बना दिया। उसे एक से दूसरे स्थान पर जाने में अधिक सुविधा होने लगी। वह लंबी ही नहीं, लंबी से लंबी यात्रा करने लगा। उसे यात्रा में काफी आनंद आने लगा।
पर्यटन के प्रकार :
पर्यटन कई प्रकार के होते हैं, मसलन स्वास्थ्य पर्यटन, सृजनात्मक पर्यटन, शैक्षिक पर्यटन, मनोरंजन यात्रा, शीतकालीन पर्यटन, सामूहिक पर्यटन, पारिस्थितिकी पर्यटन तथा चिकित्सा पर्यटन आदि।
यात्रा से मन बहलाव :
FILE
अगर आप यात्रा पर जाते हैं तो मन बहलाव होता है। व्यक्ति को कुछ दिनों के लिए चिंता-तनाव से मुक्ति मिल जाती है। मन को काफी सुकून मिलता है। व्यक्ति नई ऊर्जा से भर जाता है तथा वह नई उमंग व उत्साह के साथ अपने कार्य में सम्मिलित हो जाता है। इससे व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ती है तथा उसे मानसिक तनाव भी कम से कम होता है।
स्थान का फैसला करें :
यात्रा की तैयारी हेतु आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि अपने को जाना कहां है। जब इच्छित मंजिल का तय हो जाए तो यात्रा के दौरान लगने वाले सामान की सूची बना लीजिए। इससे आपको यात्रा के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
कैसे करें यात्रा की तैयारी?
यात्रा के दौरान निम्न सामग्री की तैयारी अवश्य रखें : -
(1) कपड़े, (2) साबुन, (3) तेल-कंघा, (4) जूते-मोजे, (5) टॉवेल, (6) कुर्ता-पजामा, (7) गर्म कपड़े (अगर बर्फीले स्थान पर जा रहे हो तो) (8) मोबाइल, (9) घड़ी, (10) सूटकेस चेन, (11) जरूरी दवाएं, (12) एटीएम कार्ड, (13) टॉर्च, (14) कैमरा (यादगिरी हेतु) आदि