Hindi, asked by sexlove234, 1 month ago

विद्यार्थी और फैशन पर अनुच्छेद​

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Answered by vidhiojha101
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शारीरिक प्रसाधनों से समाज के समक्ष आत्म-प्रदर्शन करना ही फैशन है। मनोवैज्ञानिकों के मतानुसार हीनभाव, आत्मप्रदर्शन, जिज्ञासा तथा आत्मप्रेम आदि फैशन के प्रमुख कारण हैं। इसी कारण फैशन मानव स्वभाव के लिए स्वाभाविक माना गया है। वह सौंदर्य वृद्धि तथा सौंदर्य पिपासा की संतुष्टि हेतु सदैव फैशन की सेवा करता रहा है। समय परिवर्तन के साथ-साथ मान्यताओं में परिवर्तन आयो। ‘खाओ पिओ और मौज उड़ाओ’ जैसी मान्यताओं और स्वच्छंद जीवन प्रणाली ने समाज के साथ-साथ विद्यार्थी वर्ग को भी बदल डाला। वह विद्या प्राप्ति के मूल लक्ष्य को भूलकर, समाज का अंधानुकरण करने लग गया और शीघ्र की फैशन का गुलाम बन गया। वह तंग वस्त्र, नए-नए डिजाइन और साज- शृंगार में पूरी तरह घिर गया। आज उसका शिक्षक गुरु न होकर टेलर मास्टर है, उसका विद्यालय सिनेमा भवन और रेस्टोरेंट हैं, उसकी पाठ्य पुस्तकें । फैशन सम्बन्धी पत्र-पत्रिकाएँ हैं तथा उसके जीवन का एक मात्र लक्ष्य है नए-नए फैशन की खोज करना। फैशन का यह ज्वर नगरों तक ही सीमित नहीं रहा
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