Hindi, asked by sanjaysinghchouhan61, 1 year ago

विद्यार्थियों पर दूरदर्शन का प्रभाव विषय पर अनुच्छेद लिखिए -​

Answers

Answered by sanjana56842
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Answer:

aaj kal vidyarthi doordarshan mein itne vyast ho gaye hain ki unhe samayein ka bhi pata nahi rehta. agar unse unki padayi ke baarein mein kucch bhi puccho to wo nahi bata payenge lekin, agar unse television ke kisi bhi film ke baarein mein puccho to 100 percent bata denge. t.v. sirf dimag par nahi balki vidyarthi ke aankhon par bhi asar karti hai.

Answered by komal1211
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Answer:

दूरदर्शन के लाभ : दूरदर्शन के बहुत अधिक लाभ हैं। इसकी मदद से हम घर बैठे देश-विदेश के अनेक समाचार सुन सकते हैं और समाचार को बोलने वाले को देख भी सकते हैं। संसार में कहीं भी होने वाले मैच या खेल को आसानी से देख सकते हैं। हमारे समाज में शराब पीना और बाल विवाह जैसी अनेक तरह की कुरुतियाँ फैली हुई हैं।

दूरदर्शन पर ऐसे कार्यक्रमों को पेश करना चाहिए जिससे इन कुरीतियों के दुष्परिणामों का पता चल सके। ऐसे कार्यक्रम देखने वालों के दिल पर बहुत प्रभाव डालते हैं। इसी तरह से धीरे-धीरे सामाजिक कुरीतियाँ भी दूर हो जाती हैं | इससे कोई भी लाभ उठा सकता है चाहे वो छात्र हो, शिक्षक हो, डॉक्टर हो, वैज्ञानिक हो,कृषक हो, मजदूर हो, व्यापारी हो, उद्योगपति हो या गृहिणी हो।

इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है। इसे देखने के लिए भी किसी प्रकार के चश्मे, मनोभाव या फिर अध्ययन की जरूरत नहीं होती है। इससे सिर्फ किसी भी क्षेत्र की जानकारी ही नहीं मिलती है इससे कार्य व्यापार, नीति ढंग, और उपाय को आसानी से दिखाया जाता है।

दूरदर्शन से हमें जीवन की समस्याओं और घटनाओं के बारे में बहुत ही आसानी से जरूरत के रूप में प्रस्तुत करते हैं। दूरदर्शन से हम अपने त्यौहारों, मौसमों, खेलों, तमाशे, नाच-गाने, कला, संगीत, पर्यटन, व्यापार, धर्म, साहित्य, दर्शन आदि के बारे में हर एक रहस्य खुलता जा रहा है। दूरदर्शन इन सभी जानकारियों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाईयों को भी बताता है और उनके हल के बारे में भी बताता है।दूरदर्शन आज के युवाओं का एक महत्वपूर्ण और जरुरतमंद अंग बन गया है। अगर युवक दूरदर्शन का नियंत्रित और संयमित प्रयोग करे तो उनके लिए दूरदर्शन बहुत उपयोगी सिद्ध होगा नहीं तो उसके दुष्परिणामों से मनुष्य को कभी नहीं बचाया जा सकता है।

जिस तरह किसी कुएँ से पानी प्राप्त करके मनुष्य अपनी प्यास बुझा सकता है लेकिन अगर वो उस कुएँ में कूदकर आत्महत्या कर लेता है तो इसमें उसका कोई दोष नहीं होता है उसी तरह से दूरदर्शन युवा पीढ़ी की आधुनिक शिक्षा और संसार की हर जानकारी देने का साधन होता है लेकिन जब युवा छात्र अपना अमूल्य समय बेकार के कार्यक्रमों को देखने में गंवा देगा तो इसके लिए हम दूरदर्शन को दोष नहीं दे सकते हैं।

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