Hindi, asked by ishagupta5645, 4 months ago

विद्य र्थयि ों की अनशु सनहीनत क मख्ु य क रण म त -वऩत की ढढऱ ई म नते हैं. म त वऩत के

सांस्क र ही बच्चे ऩर ऩढ़ते हैं. बच्चे की प्र थममक ऩ ठश ऱ घर होती है. घर क ि त िरण ही दोषऩणू ि हैतो

उसके सांस्क र उन्नत कै से हो सकते हैं? ऩहऱे तो प्य र के क रण म त -वऩत बच्चों के खर ब व्यिह र,

मशष्टत और खर ब भ ष की ओर ध्य न नहीां देते, ककांतुजब ह थी के द ांत ब हर ननकऱ आते हैंतो उन्हें

र्च ांत होती है और िह विद्य ऱय और मशऺकों की आऱोचन करन आरांभ कर देते हैं. बच्चों के गऱत

व्यिह र और सस्ां क रों क एक क रण हम री दोषऩणू ि मशऺ प्रण ऱी भी ह, ैजजसमें नैनतक य चररत्रिक मशऺ

क कोई स्थ न नहीां है. ऩहऱे विद्य थी को दांड क भय बन रहत थ , श रीररक दांड देन अऩर ध म न ज त

है; मशऺक के िऱ जब नी जम खचि ही कर सकते हैं. ऩजश्चमी सांगीत, नत्ृय ऩत चऱ र्चिों ने भी विद्य र्थयि ों

को बहुत ह नन ऩहुांच ई है. इनके क रण उनमें च ररत्रिक दृढ़त न रहकर उच्छृांखऱत इस सीम तक बढ़ गई

है कक यढद सीम रहते इस और ध्य न न ढदय गय तो देश क भविष्य ही अधां क र ऩणू ि हो सकत है.5) छ िों में बढ़ती उच्छृांखऱत के मख्ु य क रण क्य ह?ै​

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Answered by samridhishukla
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Answer:

plz write correctly we can't understanding it!!!

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