विद्युत बल्ब में निष्क्रिय गैस क्यों भरी जाती है?
Answers
Answer:
विद्युत बल्ब में निष्क्रिय गैस ऑर्गन गैस भरी जाती है|
Explanation:
ऑर्गन गैस निष्क्रिय या इनर्ट गॅस कहलाती है. केमिस्ट्री में वे तत्व जिनका आउटरमोस्ट ऑरबिट सॅचुरेटेड होता है इनर्ट आटम कहलाते हैं यह अन्य तत्वों के साथ मिलकर रासायनिक क्रिया नहीं कर सकते. बल्ब में एक टंगस्टोन धातु का फिलमेंट होता है जो उसमें विद्युत पास करते ही 2000 से 3000 डिग्री सेल्सियस पर गर्म हो जाता है और चमकने लगता है ठीक उसी प्रकार जैसे कोई लोहे की छड़ भट्ठी में बहुत अधिक गर्म की जाती है तो पहले वह लाल होती है फिर सफेद होकर चमकने लगती है. अब अगर बल्ब में ऑर्गन गैस न भरी जाए तो यह हवा में मौजूद ऑक्सिजन से प्रतिक्रिया करके ऑक्साइड बना लेगा और चूंकि टंगस्टोन ऑक्साइड विद्युत का कुचालक है तो आगे कुछ नहीं होगा और प्रकाश मिलना बंद हो जाएगा. इसके अतिरिक्त यह ऑक्साइड भंगुर भी होता है तो फिलमेंट भी टूट कर गिर जाएगा| बल्ब में ऑर्गन गैस भरी होने के कारण टंगस्टोन कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं कर पाता है और गर्म होकर प्रकाश उत्सर्जित करता रहता है. पहले बल्बों में निर्वात उत्पन्न कर दिया जाता था जिसकी वजह से भी कोई क्रिया नहीं हो पाती थी. बाद में यह पाया गया की ऑर्गन से भरे बल्ब संचरण के कारण अधिक प्रकाश देते हैं इसलिए निर्वात के स्थान पर गैस भरे बल्ब का प्रयोग होने लगा है|
Answer: इलेक्ट्रिक बल्ब अर्गन जैसी अक्रिय गैसों से भरे होते हैं। अक्रिय गैस किसी भी तरह की रासायनिक प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते और हमेशा मुक्त रूप में पाएँ जाते हैं।
बल्ब को हवा से नहीं भरा जा सकता क्योंकि बल्ब मे टंगस्टन का जो रेशा तथा फिलामेंट होता है वह ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करेगा और रेशा जल जाएगा। इसलिए बल्ब अक्रिय गैसों से भरे होते हैं क्योंकि यह फिलामेंट तथा रेशा के वाष्पीकरण को रोकता है और बल्ब के अंदर योग्य दबाव बनाए रखता है।
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