Physics, asked by khanvashim105, 8 months ago

विद्युत चुंबकीय तरंगों की प्रकृति अनुप्रस्थ होती है समझाइए​

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Answered by jahnvi30
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Answer:

इसमें विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत दोलन करते हैं; तथा विद्युत चुंबकीय तरंग के संचरण की दिशा विद्युत एवं चुंबकीय क्षेत्र के लम्बवत होती है। शून्य या निर्वात में प्रकाश का वेग लगभग ३ लाख किमी/से (299,800 किमी/सेकेण्ड) होता है जो एक नियतांक है। कोई भी वस्तु इससे अधिक वेग से गति नहीं कर सकती।

विद्युत चुंबकीय विकिरण शून्य (स्पेस) एवं अन्य माध्यमों से स्वयं-प्रसारित तरंग होती है। इसे प्रकाश भी कहा जाता है किन्तु वास्तव में प्रकाश, विद्युतचुंबकीय विकिरण का एक छोटा सा भाग है। दृष्य प्रकाश, एक्स-किरण, गामा-किरण, रेडियो तरंगे आदि सभी विद्युतचुंबकीय तरंगे हैं।

Explanation:

यह एक अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) है। (जबकि ध्वनि एक अनुदैर्घ्य यांत्रिक तरंग है।)

इसका अस्तित्व विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र के दोलन के कारण होता है।

इसके संचरण के लिये किसी माध्यम का होना आवश्यक नहीं है। यह शून्य या निर्वात में भी चल सकता है। (जबकि ध्वनि के लिये माध्यम आवश्यक है।)

इसमें विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत दोलन करते हैं; तथा विद्युत चुंबकीय तरंग के संचरण की दिशा विद्युत एवं चुंबकीय क्षेत्र के लम्बवत होती है।

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