विद्युत चर्तुधव से क्या तात्पर्य है
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पदार्थों द्वारा विद्युत धारा संचालित करने की क्षमता के माप कोविशिष्ट चालकता (specific conductance) कहते हैं। अर्थात् यह पदार्थ का स्वभाविक गुण है जो विद्युत धारा के चलने में सुगमता प्रदान करता है| किसी पदार्थ से बने किसी 'चालक' के दो सिरों के बीच विभवान्तर आरोपित किया जाता है तो इसमें विद्यमान घूम सकने योग्य आवेश प्रवाहित होने लगते हैं जिसे विद्युत धारा कहते हैं। आंकिक रूप से धारा घनत्व {\displaystyle \mathbf {J} }{\displaystyle \mathbf {J} } तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता {\displaystyle \mathbf }{\displaystyle \mathbf {E} } के अनुपात को चालकता ('σ) कहते हैं। अर्थात -
{\displaystyle \mathbf {J} =\sigma \mathbf {E} .}{\displaystyle \mathbf {J} =\sigma \mathbf {E} .}
विद्युत चालकता के व्युत्क्रम (reciprocal) राशि को विद्युत प्रतिरोधकता (ρ) कहते हैं जिसकी SI इकाई सिमेन्स प्रति मीटर (S·m-1) होती है।
{\displaystyle \sigma ={1 \over \rho }.}{\displaystyle \sigma ={1 \over \rho }.}
विद्युत चालकता के आधार पर पदार्थों को कुचालक, अर्धचालक, सुचालक तथा अतिचालक आदि कई वर्गों में बांटा जाता है जिनका अपना-अपना महत्व एवं उपयोग होता है
चालकता ___(Conductance) जिस प्रकार प्रतिरोध, विधुत धारा प्रवाह का विरोध करता है उसी प्रकार चालकता प्रतिरोध के प्रभाव के विपरीत है, परंतु चालकता विधुत धारा प्रवाह को सुगमता प्रदान करती है। चालकता का SI विमीये सूत्र